सहारा ग्रुप से जुड़े निवेशकों के लिए एक बार फिर बड़ा अपडेट सामने आया है। पिछले कई सालों से सहारा इंडिया की संपत्तियों और निवेशकों की रकम को लेकर बाजार में चर्चा थी, अब सहारा ग्रुप की 88 प्रॉपर्टीज को बेचने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह कदम सरकार और संबंधित अधिकारियों द्वारा सहारा निवेशकों का पैसा लौटाने और संपत्तियों का उपयोग बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।
सहारा में लाखों लोगों ने विभिन्न निवेश योजनाओं के तहत पैसा लगाया था, मगर कंपनी के कामकाज में अनियमितता के कारण निवेशकों को उनका पैसा समय पर नहीं मिला। अब सरकार और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की निगरानी में सहारा की कई संपत्तियाँ बेची जाएंगी और उससे मिलने वाला पैसा धीरे-धीरे निवेशकों को लौटाया जाएगा। इस योजना और संपत्तियों की बिक्री को लेकर मीडिया में लगातार अपडेट आ रहे हैं।
निवेशक इस प्रक्रिया को लेकर बेहद उत्साहित भी हैं क्योंकि इससे उन्हें यह उम्मीद जगी है कि जल्द उनका पैसा वापस मिलेगा। सरकार का दावा है कि यह फैसला पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और नियमों के मुताबिक लिया गया है।
SAHARA REFUND: Full Details
सहारा रिफंड योजना का मुख्य उद्देश्य उन करोड़ों निवेशकों को उनकी रकम लौटाना है जिन्होंने सहारा समूह की विभिन्न योजनाओं में पैसा लगाया था। सहारा की संपत्तियों की बिक्री प्रक्रिया सेबी (SEBI) और सहारा के बीच चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद शुरू की गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश और सेबी की निगरानी में कुल 88 संपत्तियाँ बेची जाएंगी, जो देशभर के विभिन्न राज्यों में फैली हैं।
सीबीआई और सेबी की जांच के बाद सामने आया कि सहारा समूह की कई संपत्ति अब उपयोग में नहीं है और निवेशकों की रकम लौटा पाना सिर्फ संपत्तियों की बिक्री के बाद मुमकिन है। सरकार ने साफ किया है कि इन संपत्तियों की बिक्री कानूनी प्रक्रिया के तहत होगी और प्रत्येक बिक्री के बाद मिली रकम का एक हिस्सा निवेशकों को उनके दावे अनुसार लौटाया जाएगा।
प्रॉपर्टीज की सूची में ऑफिस, प्लॉट्स, कमर्शियल बिल्डिंग्स, होटल्स और जमीनें शामिल हैं। सबसे ज्यादा संपत्तियाँ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों में स्थित हैं। इनका मूल्यांकन सरकारी एजेंसियों द्वारा पूरा कर लिया गया है और जल्द ही सार्वजनिक प्रक्रिया से इनका क्रय-विक्रय शुरू होगा।
देश में निवेशकों की संख्या इतनी ज्यादा है कि सरकार इस पूरी प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से अंजाम दे रही है। सबसे पहले बड़े शहरों और प्रमुख स्थानों की संपत्तियों को बेचा जाएगा जिससे सबसे ज्यादा रकम जुटाई जा सके। इसके बाद अन्य राज्यों और कस्बों की संपत्तियों की बिक्री होगी। इस प्रक्रिया की निगरानी केंद्रीय एजेंसियाँ करेंगी ताकि कोई गड़बड़ी या भ्रष्टाचार न हो।
इस स्कीम के तहत क्या मिलेगा?
सहारा रिफंड के तहत, पुरानी निवेश योजनाओं में पैसे लगाने वाले लोगों को उनकी रकम, ब्याज समेत धीरे-धीरे वापस दी जाएगी। यह पैसा सहारा की संपत्तियों की बिक्री से मिलेगा और सरकारी एजेंसियों द्वारा निवेशकों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर किया जाएगा।
निवेशक अपनी क्लेम प्रक्रिया को Sahara Refund Portal के माध्यम से पूरा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपना आधार नंबर, PAN कार्ड, निवेश के दस्तावेज और बैंक डिटेल्स अपलोड करनी होती हैं। आवेदन के बाद जब संपत्ति बिकती है, तो उसी के अनुसार पैसा संबंधित निवेशक के खाते में भेजा जाता है।
सरकार और सेबी ने दावा किया है कि पूरी प्रक्रिया सुरक्षित, पारदर्शी और जनता के हित में है। इसमें निवेशकों के हितों की रक्षा की हर संभव कोशिश की गई है और अफसरों की निगरानी में ही पैसा वितरित किया जाएगा।
किन-किन जगहों पर हैं ये संपत्तियां?
सहारा ग्रुप की 88 संपत्तियाँ पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों और शहरों में फैली हैं। इनमें मुंबई, दिल्ली, लखनऊ, पटना, भोपाल, जयपुर, कोलकाता, अहमदाबाद, इंदौर, सूरत जैसे प्रमुख शहरों के साथ-साथ छोटे-छोटे कस्बों में भी सहारा की जमीन, बिल्डिंग्स और प्लॉट्स शामिल हैं।
कई संपत्तियाँ व्यावसायिक क्षेत्रों में हैं, जिससे इनकी बिक्री के बाद अच्छी खासी रकम मिलने की उम्मीद है। सरकारी एजेंसियाँ इनके सही मूल्यांकन के बाद ही नीलामी प्रक्रिया शुरू करेंगी ताकि निवेशकों को अधिकतम लाभ मिल सके।
हर संपत्ति की पूरी सूची सहारा रिफंड की सरकारी वेबसाइट और सेबी द्वारा जारी अधिसूचना में दर्ज है। इससे इच्छुक निवेशक और आम लोग भी संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं और अगर जरूरत हो तो खरीदने की प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
प्रक्रिया और आवेदन कैसे करें?
यदि कोई व्यक्ति सहारा ग्रुप की निवेश योजनाओं में पैसा लगाकर रिफंड का दावा करना चाहता है, तो उसे Sahara Refund Portal पर लॉगिन करना होगा। पोर्टल पर जरूरी जानकारी – आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स, निवेश दस्तावेज और अन्य डिटेल्स अपलोड करनी होंगी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी और सारे दस्तावेज सही मिलने पर पैसा खाते में भेजा जाएगा।
यह प्रक्रिया बिल्कुल ऑनलाइन है, जिससे जरूरतमंद निवेशकों को कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनका पैसा सुरक्षित लौटा दिया जाए।
निष्कर्ष
सहारा रिफंड योजना के तहत 88 संपत्तियों की बिक्री निवेशकों के लिए राहतभरी खबर है। सरकार, सेबी और अदालत के निर्देश पर यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो रही है ताकि करोड़ों लोगों को उनका पैसा सुरक्षित और समय पर मिले। सहारा निवेशक अब उम्मीद कर सकते हैं कि उनकी वर्षों से अटकी पड़ी रकम जल्द अपने खाते में पहुंचेगी।