रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 25 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले नए नियमों के तहत तीन प्रकार के बैंक खातों को बंद करने का फैसला किया है। यह नियम बैंकिंग प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और धोखाधड़ी से मुक्त बनाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। नए नियमों के अनुसार, कुछ खातों को या तो बंद कर दिया जाएगा या उनके व्यवहार की सीमा सख्त कर दी जाएगी, जिससे ग्राहकों को अपने खातों की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। आइए समझते हैं कि ये तीन प्रकार के बैंक खाते कौन से हैं, उनके बंद होने के कारण क्या हैं, और नए नियमों का लाभ ग्राहकों को कैसे मिलेगा।
RBI के नए नियम: 25 अक्टूबर 2025 से बंद होंगे ये 3 प्रकार के बैंक अकाउंट
RBI ने अपनी ताज़ा गाइडलाइंस में तीन प्रकार के खातों के बंद होने का ऐलान किया है। इन खातों में मुख्यतः वे खाते शामिल हैं जो:
- डोरमेट (Dormant Account) हैं, यानी जिनमें पिछले 2 वर्षों से कोई लेन-देन नहीं हुआ है।
- इनएक्टिव (Inactive Account) हैं, जिनमें 1 वर्ष से कोई ग्राहक-प्रेरित लेन-देन नहीं हुआ है।
- जीरो बैलेंस (Zero Balance Account) जो बिना ट्रांजैक्शन के लंबे समय से खुला पड़ा है।
इन खातों को बंद करने या निष्क्रिय घोषित करने का मकसद नकली या जोखिम भरे खातों को बैंकिंग प्रणाली से हटाना है, जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आए। इसके अलावा, इससे बैंकिंग संचालन भी सुगम और प्रभावी होगा।
ग्राहक के लिए महत्वपूर्ण बातें
- अगर आपका बैंक खाता डोरमेट या इनएक्टिव है तो उसे पुनः सक्रिय करना आवश्यक होगा।
- ज़ीरो बैलेंस खाते जो लंबे समय से बिना किसी लेन-देन के हैं, उनको बंद किया जाएगा।
- खाते को सक्रिय करने के लिए ग्राहक को बैंक शाखा में जाकर ट्रांजैक्शन करवाना होगा या डिजिटल माध्यम से चालू करना होगा।
- ये नियम धोखाधड़ी रोकने के लिए सबसे जरूरी कदम हैं और इससे ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ेगी।
RBI के 3 प्रकार के बंद होने वाले बैंक खातों का सारांश (Table)
बैंक खाता प्रकार | विवरण |
डोरमेट खाता | 2 साल से कोई लेन-देन न होना |
इनएक्टिव खाता | 1 साल से कोई ग्राहक-प्रेरित लेन-देन न होना |
जीरो बैलेंस खाता | बिना किसी लेन-देन के लंबे समय से खुला खाता |
कारण बंद करने का | धोखाधड़ी रोकना, सुरक्षा बढ़ाना, संचालन सरल बनाना |
पुनः सक्रिय करने की प्रक्रिया | बैंक शाखा में ट्रांजैक्शन या डिजिटल माध्यम से |
ग्राहक को सूचना | SMS, ईमेल या डाक के जरिए पहले ही दी जाएगी |
प्रभाव दिनांक | 25 अक्टूबर 2025 से लागू |
RBI नए नियमों के फायदे
- बैंकिंग सुरक्षा में वृद्धि: निष्क्रिय या डोरमेट खाते धोखाधड़ी का हवाला बन सकते हैं, नए नियम इन खतरों से बचाव करेंगे।
- ग्राहकों के लिए जागरूकता: बैंक समय-समय पर सूचित करेंगे जिससे खाते बंद होने से बचाए जा सकेंगे।
- बैंकों का संचालन बेहतर होगा: खाता बंद करने से बैंक अधिक फोकस कर सकेंगे और नकली खातों पर अंकुश लगेगा।
- डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा: ग्राहकों को लेन-देन के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने की सलाह दी जाएगी।
खाता मालिकों के लिए जरूरी कदम
- अपने बैंक खाते की नियमित जांच करें और किसी भी समय निष्क्रिय होने से बचाने के लिए लेन-देन करें।
- SMS, ईमेल या पत्र ध्यान से पढ़ें और यदि कोई सूचना आई हो तो उसका पालन करें।
- बैंक शाखा या बैंकिंग ऐप के जरिए खाते की स्थिति की जांच करें।
- यदि खाता बंद हो जाता है तो पुनः खोलने का विकल्प भी संभव है लेकिन इसमें समय लग सकता है।
RBI के इस कदम की पूरी जानकारी
RBI ने यह कदम वित्तीय सुरक्षितता को सुनिश्चित करने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया है। बैंक खातों की नियमित समीक्षा और निष्क्रिय खातों को पहचान कर उनकी बंदी या सीमित कार्यवाही वित्तीय प्रणाली को स्वस्थ बनाने में सहायक है। इस नियम के कारण ग्राहक भी अधिक जिम्मेदार बनेंगे और अपने खातों को सही तरीके से प्रबंधित करेंगे।
RBI के अनुसार, खाताधारकों को समय-समय पर खाते की जाँच करते रहना चाहिए और बैंक द्वारा भेजी गई नोटिफिकेशन का जवाब देना चाहिए ताकि भविष्य में बैंक खाते बंद न हों।
सारांश में (Summary)
- RBI 25 अक्टूबर 2025 से डोरमेट, इनएक्टिव और ज़ीरो बैलेंस खातों को बंद या निष्क्रिय करेगा।
- ग्राहक इन खातों को बचाने के लिए नियमित लेन-देन करें और बैंक नोटिफिकेशन पर ध्यान दें।
- नए नियम से बैंकिंग धोखाधड़ी में कमी और सुरक्षा में सुधार होगा।
- ग्राहक अपने खातों की स्थिति पर सतर्क रहेंगे और समय रहते उचित कार्रवाई करेंगे।