रेलवे में सफाई को लेकर सबसे बड़ी परेशानी यात्रियों को टॉयलेट के मामले में होती थी। लंबी दूरी की यात्रा, हजारों यात्री और लगातार प्रयोग से टॉयलेट जल्दी गंदा हो जाता है, जिससे यात्रियों को असुविधा होती थी। खासकर जनरल और स्लीपर कोच में टॉयलेट की स्थिति खराब रहती है, जिससे शिकायतें आती रहती थीं।
अब रेलवे ने इस समस्या का समाधान खोज निकाला है। रेल मंत्री और रेलवे विभाग ने नई तकनीक, हाईटेक मशीन और योजनाओं का इस्तेमाल शुरू किया है जिससे सफाई पहले से कहीं ज्यादा तेज़ और असरदार हो सकेगी। इस नए जुगाड़ से न सिर्फ सफाई की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों को हर सफर में बेहतर सुविधा मिलेगी।
रेलवे की मुख्य योजना और टॉयलेट सफाई का नया तरीका
रेलवे ने क्लीन ट्रेन स्टेशन (CTS) योजना और स्वचालित टॉयलेट सफाई मशीनें लागू करना शुरू किया है। अब पूरी ट्रेन, खासकर जनरल कोच में भी, सफाई कर्मियों व मशीनों से महज कुछ मिनटों में मशीन द्वारा सफाई होगी। जल्द ही हाईटेक तकनीक से टॉयलेट सिर्फ 56 सेकंड में पूरी तरह स्वच्छ कर दिया जाएगा।
रेलवे विभाग ने स्टार्टअप कंपनियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मिलकर ऐसी मशीनें विकसित की हैं जो पानी और लिक्विड साबुन के मिश्रण की मदद से शौचालय की सारी सतह को कुछ ही सेकंड्स में साफ कर देती है। पहले सफाई में 7 से 10 मिनट लगते थे, अब यह समय काफी कम हो गया है।
नई तकनीक का रोलआउट देशभर के 20 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर शुरू हो चुका है, जिसमें सफाईकर्मियों को बैटरी से चलने वाली जेट क्लीनिंग मशीनें दी गई हैं, जिसकी क्षमता 10-15 लीटर है। अब दो सफाईकर्मी मिलकर चार शौचालयों को जल्दी, अच्छे से साफ करेंगे।
हाईटेक सेल्फ-क्लीनिंग टॉयलेट्स में केवल एक बटन दबाते ही पानी व लिक्विड सोप हर सतह पर छिड़काव करता है और फिर अपने आप टॉयलेट साफ हो जाता है। यह सिस्टम यूरोप में काफी सफल रहा है और भारत में लागत पारंपरिक टॉयलेट्स जैसी या उससे कम है।
रेलवे की नई व्यवस्था में सफाई से संबंधित शिकायतों को रिकॉर्ड करने के लिए रेलमदद एप, ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। सफाई से जुड़ी हर शिकायत पर तुरंत एक्शन लेने की व्यवस्था की गई है।
रेलवे टॉयलेट सफाई योजना: संक्षिप्त जानकारी
नीचे रेलवे की टॉयलेट सफाई योजना का एक ओवरव्यू टेबल दिया गया है:
| बिंदु | विवरण |
| योजना का नाम | क्लीन ट्रेन स्टेशन योजना (CTS) |
| लागू क्षेत्र | जनरल व आरक्षित कोच, छोटे-बड़े स्टेशन |
| सफाई तकनीक | हाईटेक जेट क्लीनिंग मशीन, स्वचालित सिस्टम |
| सफाई का समय | पहले 7-10 मिनट, अब सिर्फ 56 सेकंड |
| सफाईकर्मियों की ड्यूटी | दो सफाईकर्मी चार शौचालयों की जिम्मेदारी |
| शिकायत दर्ज करने का तरीका | रेलमदद ऐप, हेल्पलाइन नंबर, वेबसाइट |
| लाभ | जल्दी सफाई, स्वच्छता, यात्रियों को सुविधा |
| नई तकनीक की लागत | पारंपरिक से कम या बराबर |
रेलवे टॉयलेट सफाई योजना की खास बातें
- सफाई के लिए अब मशीन व हाईटेक टेक्नोलॉजी का उपयोग, इंसान पर निर्भरता घटाई गई है।
- यात्रियों की शिकायतों का तत्काल समाधान, एप व हेल्पलाइन से शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- CTS स्टेशन पर हर ट्रेन को मशीन से सफाई मिलेगी – जनरल कोच समेत।
- बैटरी से चलने वाली जेट क्लीनिंग मशीन से सफाई बेहतर और जल्दी।
- सफाई के लिए दो कर्मियों की ड्यूटी – जिम्मेदारी तय।
- पानी और साबुन का पर्याप्त उपयोग – सफाई और स्वच्छता दोनों।
- शिकायत का समाधान अब कुछ घंटों में – पहले सफाई या स्थाई समाधान मिलने में समय लगता था।
- शुरूआती रोलआउट 20 बड़े रेलवे स्टेशनों पर, आगे देशभर में विस्तार।
- यात्री अब सफर के दौरान शौचालय या सफाई की शिकायत सीधे व्हाट्सऐप/एप/वेबसाइट से कर सकते हैं।
यात्रियों को क्या करना चाहिए?
- अगर सफर के दौरान टॉयलेट गंदा मिले तो तुरंत रेलमदद ऐप या निर्धारित हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करें।
- CTS योजना के तहत सफाईकर्मी लगातार सफाई करते हैं, लेकिन शिकायत पर भी त्वरित प्रतिक्रिया मिलती है।
- ट्रेन के स्टाफ को टॉयलेट की गंदगी की जानकारी जरूर दें।
- जनरल और स्लीपर कोच में सफर करने वाले यात्री भी अब सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
आने वाले बदलाव और रेलवे मंत्री का ऐलान
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि 2026 के अंत तक देशभर में टॉयलेट सफाई पूरी तरह स्वचालित एवं त्वरित हो जाएगी। नये सिस्टम में सफाईकर्मी, मशीन तथा नई तकनीक के संयुक्त प्रयोग से सफाई का स्तर कई गुना बेहतर होगा। त्योहार या भारी ट्रैफिक के मौसम में स्पेशल निगरानी रखी जाती है जिससे यात्रियों को ट्रैवल के दौरान कोई परेशानी न हो।
इस तकनीक के देशभर में विस्तार की योजना रेलवे मंत्रालय ने बनाई है ताकि हर यात्री तक सुविधा पहुंचे।
रेलवे सफाई व्यवस्था का असर और उपयोग
- यात्रियों को सफर में साफ टॉयलेट मिलेगा
- महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सुविधा
- कम खर्च, ज्यादा स्वच्छता
- शिकायत पर तुरंत समाधान
- सफर के दौरान कोई भी असुविधा नहीं
उपयोगी टिप्स
- सफर के लिए हमेशा रेलमदद ऐप अपने मोबाइल में रखें।
- सफाई समस्या दिखने पर देर न करें, शिकायत तुरंत दर्ज करें।
- ट्रेन में सफाई के लिए रेलमार्ग स्टाफ से बात करें या सहायता मांगें।
- सफाईकर्मी के कार्य की निगरानी, जरूरत पर सुझाव दें।
योजना का लाभ किन्हें
- सारे यात्री, जनरल कोच से लेकर एसी तक।
- छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन पर सफर करने वाले
- महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग
- सफर के दौरान अस्वच्छता से परेशान यात्री
योजना कब तक लागू होगी?
- 2026 के अंत तक देशभर में पूरी तरह लागू।
- शुरुआत 2025 में 20 प्रमुख रेलवे स्टेशनों से।
- आगे सभी ट्रेनों व स्टेशनों पर विस्तार।











