आज के समय में हमारे देश में अनेक ऐसे कारीगर और शिल्पकार हैं, जो अपनी कला और हुनर से समाज को समृद्ध करते हैं। इन्हें प्रोत्साहित करने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएँ बनाई हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 भी ऐसी ही एक योजना है, जो खास तौर पर हमारे देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता और कौशल संवर्धन प्रदान करती है।
इस योजना के तहत लाभार्थियों को 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन दिया जाता है, जिससे वे अपने काम के लिए जरूरी उपकरण खरीद सकें। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता देती है, बल्कि कारीगरों को नवीनतम तकनीकों की ट्रेनिंग भी प्रदान करती है, जिससे उनका कौशल बढ़े और वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो पारंपरिक हस्तकलाओं में संलग्न हैं एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं।
इस लेख में पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को सरल हिंदी में समझाया गया है ताकि सभी लाभार्थी बिना किसी समस्या के इसका लाभ उठा सकें।
What is PM Vishwakarma Yojana?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक समग्र योजना है जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनका उचित सम्मान, आर्थिक सहायता और कौशल विकास प्रदान करती है। इस योजना के जरिए सरकार उन कारीगरों को एक प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड देती है जिससे उन्हें पहचान मिलती है।
योजना का मुख्य उद्देश्य है कारीगरों के कौशल मूल्यांकन, बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग प्रदान करना तथा उन्हें जरूरी टूलकिट देने का प्रावधान करना। योजना में कारीगरों को ₹15,000 का टूलकिट प्रोत्साहन दिया जाता है, जो उन्हें अपनी कार्यशाला या व्यवसाय के लिए आधुनिक उपकरण खरीदने में मदद करता है। इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान प्रति दिन ₹500 का वजीफा भी मिलता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरती है।
इसके साथ ही योजना के तहत लाभार्थियों को 5% ब्याज दर पर बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जाता है। इसमें पहला चरण 1 लाख रुपये का लोन है जो 18 महीने में चुकाना होता है, और दूसरा चरण 2 लाख रुपये का लोन है जो 30 महीने में चुकाना होता है। यह आसान लोन कारीगरों को व्यापार शुरू करने और बढ़ाने में मदद करता है। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, प्रत्येक डिजिटल ट्रांजेक्शन पर ₹1 का इन्सेंटिव भी दिया जाता है, जो 100 ट्रांजेक्शन तक प्रति माह मिलता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 के प्रमुख लाभ
इस योजना के कई लाभ हैं, जो सीधे तौर पर कारीगरों के जीवन में सुधार लाने के लिए बनाए गए हैं। सबसे पहले, इस योजना में कौशल प्रशिक्षण का प्रावधान है। इसमें बेसिक प्रशिक्षण 5-7 दिन का होता है तथा एडवांस ट्रेनिंग 15 दिन की। प्रशिक्षण के दौरान ₹500 प्रति दिन का वेतन दिया जाता है, जिससे कारीगर आर्थिक रूप से समर्थ बनते हैं।
दूसरा, ₹15,000 का टूलकिट प्रोत्साहन मिलता है, जिससे वे आधुनिक उपकरण खरीद सकते हैं और अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं। तीसरा, 3 लाख रुपये तक का कम ब्याज वाला लोन दिया जाता है, जो व्यापार स्थापित करने या विस्तार करने में सहायक होता है। ऋण की यह सुविधा कारीगरों को बिना गारंटी के मिलती है, जिससे वे आसानी से इसका लाभ उठा पाते हैं।
इसके अलावा, डिजिटली लेनदेन करने पर ₹1 प्रति ट्रांजेक्शन का प्रोत्साहन मिलता है, जो 100 ट्रांजेक्शन तक है। यह डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का भी एक तरीका है। विधिक और बाज़ार सहायता के जरिए कारीगरों को अपना उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रचार-प्रसार करने का मौका मिलता है। इससे उन्हें नए ग्राहक मिलते हैं और वे अपने व्यवसाय को अधिक सफल बना पाते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता
PM Vishwakarma Yojana में आवेदन करने के लिए कुछ खास पात्रता मानदंड हैं। आवेदनकर्ता का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। वह व्यक्ति जिनका व्यवसाय पारंपरिक हस्तशिल्प या शिल्पकला से संबंधित हो, जैसे बढ़ई, लोहार, सोनार, मोची, बढ़ई, कुम्हार, और अन्य कुल 18 पारंपरिक शिल्प व्यवसायों में से कोई एक में कार्यरत हो, वे इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आयु सीमा 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही, आवेदनकर्ता को पिछले पांच वर्षों में सरकार की किसी भी लोन योजना का लाभ नहीं लेना चाहिए। सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लाभार्थी नहीं हो सकते। एक परिवार से केवल एक ही सदस्य इस योजना का लाभ ले सकता है।
आवेदक को आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, और निवास प्रमाण पत्र जैसी आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे। इसके अलावा, व्यवसाय की स्थिति और कारीगरी से जुड़ी अन्य जानकारियां भी आवेदन के दौरान देना जरूरी होता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 में कैसे करें आवेदन?
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन ऑनलाइन किया जाता है। सबसे पहले सरकारी पोर्टल पर जाकर फॉर्म भरना होता है। आवेदनकर्ता को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, व्यापार की जानकारी, और दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं। दस्तावेज़ों में आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र, और बैंक खाता की जानकारी शामिल होती है।
आवेदन पूरा होने के बाद उसे सबमिट करना होता है। उसके बाद आवेदन की जांच होती है और पात्रता मिलने पर प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। ध्यान रखें कि योजना में आवेदन करते समय सभी जानकारी सही और पूरी हो, ताकि आवेदन प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
एक परिवार से केवल एक ही सदस्य आवेदन कर सकता है और आवेदन कापी को संभाल कर रखना चाहिए ताकि बाद में आवेदन की स्थिति चेक की जा सके। इसके लिए सरकार की विशेष वेबसाइट पर लॉगिन कर स्टेटस भी देखा जा सकता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 पारंपरिक कारीगरों के लिए एक उपयोगी योजना है, जो उन्हें पहचान, प्रशिक्षण, आर्थिक मदद, और आधुनिक उपकरण प्राप्त कराने में मदद करती है। ₹15,000 के टूलकिट प्रोत्साहन के साथ-साथ कम ब्याज वाली लोन सुविधाएं और डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन इस योजना को कारीगरों के लिए खास बनाती हैं। यदि आप पारंपरिक कारीगर हैं तो इस योजना का लाभ अवश्य लें और अपने हुनर को नई ऊँचाई तक पहुंचाएं।










