DDR किस्म का चुकंदर अपनी गुणवत्ता, स्वाद और उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। यह किस्म खास तौर पर हमारे जलवायु के हिसाब से विकसित की गई है ताकि कम पानी और कम देखभाल में भी अच्छी पैदावार मिल सके। चुकंदर का उपयोग सलाद, जूस और अनेक व्यंजनों में किया जाता है।
इसके पोषक तत्व, जैसे आयरन, फाइबर, विटामिन C और पोटैशियम, शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। DDR चुकंदर की खासियत यह है कि इसकी जड़ें अधिक गहरी नहीं जातीं, जिससे यह कम जगह में भी आसानी से उगाई जा सकती है। बगीचे, किचन गार्डन या टेरेस में इसे लगाना काफी सरल है।
इसके बीज अंकुरण में भी अधिक समय नहीं लेते। आमतौर पर 6-8 दिनों में पौधे निकल आते हैं और 50-60 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।
DDR Beetroot Seeds: Latest Details
कृषि मंत्रालय और राज्य कृषि विभाग किसानों को अधिक उत्पादन वाली बीज किस्में उपलब्ध कराने के लिए “राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM)” और “प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)” के अंतर्गत विशेष सहायता प्रदान कर रहे हैं। DDR किस्म के चुकंदर बीज भी इन्हीं योजनाओं के अंतर्गत प्रोत्साहित किए जा रहे हैं ताकि किसान कम प्रति हेक्टेयर खर्च में ज्यादा पैदावार हासिल कर सकें।
सरकार अनुमोदित कृषि बीज केंद्रों और किसान सेवा केंद्रों के माध्यम से इन बीजों को वितरित कर रही है। कई राज्यों में कृषि विभाग द्वारा पंजीकृत किसानों को इन बीजों पर 30% से 50% तक की सब्सिडी दी जा रही है। छोटे किसान या स्वयं सहायता समूह इनमें शामिल होकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
DDR चुकंदर बीज की विशेषताएं
DDR बीज सूखा, गर्मी और हल्की नमी को सहन करने में सक्षम है। इसकी जड़ें गहरी लाल रंग की होती हैं और बेहद रसीली होती हैं। यह किस्म रोग प्रतिरोधी है, खासकर पत्तों पर लगने वाले फफूंदी और कीटों से यह काफी हद तक सुरक्षित रहती है।
अन्य परंपरागत किस्मों की तुलना में DDR बीज से 20-25% अधिक उत्पादन मिलता है। औसतन एक एकड़ में 10 से 12 क्विंटल तक चुकंदर की फसल प्राप्त की जा सकती है। इसकी कटाई के बाद बाजार में भी अच्छी कीमत मिलती है क्योंकि इसका रंग और स्वाद उच्च गुणवत्ता का माना जाता है।
घर बैठे DDR बीज मंगाने की प्रक्रिया
DDR चुकंदर बीज को अब किसान और घरेलू उपयोगकर्ता दोनों घर बैठे ऑनलाइन मंगवा सकते हैं। ऑर्डर करने के लिए पहले राज्य या केंद्र सरकार के अनुमोदित बीज विक्रेताओं की वेबसाइट या ऐप पर पंजीकरण करना होता है।
ऑर्डर करने के मुख्य कदम इस प्रकार हैं:
- अपने निकटतम अधिकृत बीज विक्रेता या सरकारी पोर्टल पर जाएं।
- DDR किस्म के चुकंदर बीज का चयन करें।
- आवश्यक मात्रा दर्ज करें और किसान पहचान संख्या (KCC ID या किसान पंजीकरण नं.) भरें।
- भुगतान विकल्प चुनकर ऑर्डर की पुष्टि करें।
- बीज आपको 5–7 दिनों में घर पर मिल जाएंगे।
कुछ निजी बीज कंपनियां भी इन बीजों को किफायती दरों पर उपलब्ध करा रही हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि बीज खरीदते समय पैकेट पर सरकारी प्रमाणन चिन्ह (Seed Certification Mark) अवश्य जांचें ताकि गुणवत्ता पक्की हो।
खेती के लिए जरूरी बातों पर ध्यान
DDR किस्म के चुकंदर की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। खेत को अच्छी तरह जोतकर उसमें गोबर की खाद मिलाएं। बीज बोने का आदर्श समय अक्टूबर से दिसंबर तक माना जाता है।
सिंचाई नियमित रूप से करें लेकिन जलभराव से बचें क्योंकि इससे जड़ सड़ सकती है। पौधों के चारों ओर मिट्टी चढ़ाने से उन्हें मजबूती मिलती है। फसल तैयार होने के बाद खुदाई करते समय जड़ों को चोट न पहुंचाएं ताकि उनकी टिकाऊ गुणवत्ता बनी रहे।
निष्कर्ष
DDR किस्म का चुकंदर उन किसानों और बागवानी प्रेमियों के लिए एक शानदार विकल्प है जो कम लागत में अधिक लाभ और स्वादिष्ट, पोषक सब्जी चाहते हैं। सरकारी योजनाओं से सब्सिडी और तकनीकी सहायता मिलने के कारण इसकी खेती और भी आसान हो गई है। अगर आप भी अपने घर या खेत में चुकंदर उगाने की सोच रहे हैं, तो DDR बीज एक समझदारी भरा विकल्प साबित होगा।











