दिल्ली में मौसम ने इस सीजन का सबसे ठंडा शनिवार दर्ज किया है। 26 अक्टूबर 2025 को राजधानी में न्यूनतम तापमान लगभग 16.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो इस साल अक्टूबर के लिए सबसे कम है। इस पिछले सप्ताह भी दिल्ली के कई इलाकों में ठंडी हवाएं चलीं, जिससे सर्दी का अहसास बढ़ा।
साथ ही राजधानी में बूँदाबाँदी भी शुरू हो गई है, और आने वाले दो दिनों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस बार दिल्ली में एक अनोखी कोशिश के तहत कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) किए जाने की योजना भी बनाई गई है। बारिश से पहले ही राजधानी में ठंडक बढ़ने लगी है और इस वर्ष सर्दी का आगमन तेज हो रहा है।
Delhi Weather Update: Latest Details
दिल्ली ने शनिवार को इस सर्दी के मौसम का सबसे ठंडा दिन देखा। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस दिन न्यूनतम तापमान लगभग 16.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान पिछले दो वर्षों के अक्टूबर महीने के मुकाबले सबसे कम है। इस दिन दिल्ली के कई हिस्सों में घना कोहरा और धुंध की भी संभावना थी। साथ ही, हवा में ठंडक के प्रभाव के कारण लोग आउटडोर गतिविधियों के लिए गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे।
सर्दी की शुरुआत में आने वाली ठंडी हवाएं, खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों से चलने वाली नॉर्थ वेस्टर्न हवाएं, इस ठंडक को बढ़ाने में सहायक रही हैं। इसके अलावा, पिछले कुछ दिनों में दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की मात्रा कुछ हद तक कम हुई है, जिससे लोगों को सांस लेने में कुछ राहत मिली है।
कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) – दिल्ली की नई पहल
इस अक्टूबर महीने में दिल्ली सरकार और भारत के मौसम विभाग ने मिलकर एक महत्वपूर्ण और वैज्ञानिक प्रयास किया है, जिसके तहत पहली बार राजधानी में कृत्रिम बारिश (Cloud Seeding) की तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। यह प्रयास प्रदूषण नियंत्रण और मौसम संतुलन बनाए रखने के लिए किया जा रहा है।
क्लाउड सीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बादलों में सिल्वर आयोडाइड जैसे पदार्थ छोड़े जाते हैं ताकि बादल ज्यादा बारिश कर सकें। इस तकनीक को लेकर भारत में खास तौर से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT Kanpur) के वैज्ञानिक सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने अपनी विशेष विमान तकनीक का इस्तेमाल करके इस परियोजना को लागू किया है।
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के ट्रायल अक्टूबर के अंत में किए जाने की योजना है। यदि मौसम की स्थिति अनुकूल रही, तो 29 अक्टूबर को राजधानी में कृत्रिम बारिश हो सकती है। इससे न केवल वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि फसलों और पानी की कमी जैसी समस्याओं का हल भी निकलेगा। सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है, जिसमें परीक्षण विमान, उपकरण और तकनीकी स्टाफ शामिल हैं। इससे पहले भी कई बार बादल से बारिश बढ़ाने की योजनाएं भारत के अन्य राज्यों में सफल रही हैं।
आने वाले दिनों में दिल्ली में बूंदाबाँदी और बारिश की संभावना
राजधानी में 27, 28 और 29 अक्टूबर के बीच हल्की से मध्यम बूंदाबाँदी होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। शनिवार को जहां सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा, वहीं रविवार और सोमवार को भी बूंदाबाँदी जारी रहने की उम्मीद है।
भारत मौसम विभाग के अनुसार, इन दिनों बादल अधिक घिरेंगे और उन्हें बादल-छिड़काव के लिए अनुकूल भी माना जा रहा है। कृत्रिम बारिश की कोशिश के साथ-साथ प्राकृतिक बूंदाबाँदी से भी दिल्ली में नमी बढ़ेगी, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी।
इस बार की बारिश दिल्लीवासियों के लिए राहत लेकर आएगी क्योंकि इस सर्दी में प्रदूषण स्तर नियंत्रण में रहेगा। बारिश से हवा साफ होगी और स्वच्छता बनी रहेगी। इसके अतिरिक्त, ठंड के मौसम में बारिश से भीषण ठंडक जरूर बढ़ेगी, इसलिए दिल्लीवासियों को गर्म कपड़े पहनकर सावधानी बरतनी चाहिए।
सरकार और मौसम विभाग के प्रयास
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण और जल संकट से निपटने के लिए इस बार कई कदम उठाए हैं। क्लाउड सीडिंग अभियान इसका एक प्रमुख हिस्सा है। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण के लिए वाहन प्रतिबंधों, उद्योगों की निगरानी, और सार्वजनिक जागरूकता अभियानों को भी तेज किया गया है।
मौसम विभाग नियमित चेतावनी और अपडेट जारी करता रहता है ताकि नागरिक बेहतर तैयारी कर सकें। इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को ठंड और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को लेकर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
कृत्रिम बारिश से दिल्ली के पानी की समस्या में भी कुछ हद तक सहायता मिलने की उम्मीद है, खासकर उन इलाकों में जहां वर्षा कम होती है। यह योजना न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगी, बल्कि किसानों और आम लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाएगी।
संक्षेप में
दिल्ली में इस सीजन का सबसे ठंडा दिन शनिवार को दर्ज हुआ है, साथ ही राजधानी में दो दिनों तक बूंदाबाँदी और बारिश होने की संभावना है। कृत्रिम बारिश की तकनीक के जरिये प्रदूषण कम करने और जल संकट से लड़ने की कोशिश की जा रही है। सरकार और मौसम विभाग मिलकर इस प्रयास में लगे हुए हैं ताकि दिल्लीवासियों को बेहतर और सुरक्षित मौसम मिल सके। यह मौसम परिवर्तन लोगों को थोड़ी ठंडक और स्वच्छ हवा का तोहफा देगा, जिससे आने वाले दिनों में सर्दी का असर और महसूस होगा।











