नया दिल्ली, 08 अक्तूबर 2025 – खेती में उर्वरकों (fertilizers) का सही चयन किसानों की पैदावार बढ़ाने में बड़ी भूमिका करता है। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, DAP, TSP, SSP और NPK चार प्रमुख उर्वरक हैं जिनका व्यापक रूप से प्रयोग होता है। इन उर्वरकों में पोषक तत्वों की मात्रा और गुण अलग-अलग होते हैं। किसान अपने फसल चक्र, मिट्टी की स्थिति और मौसम के आधार पर इन खादों का चुनाव करते हैं।
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों के अनुसार, उर्वरकों का संतुलित उपयोग मिट्टी की उर्वरता बनाए रखता है और फसल की गुणवत्तापूर्ण वृद्धि सुनिश्चित करता है। DAP, TSP, SSP और NPK के मध्य तुलनात्मक अध्ययन से यह समझना आसान होता है कि किस परिस्थितियों में कौन-सी खाद सबसे उपयुक्त है।
मौजूदा समय में, जैविक खेती के साथ रासायनिक उर्वरकों का मिश्रित उपयोग किसानों को बेहतर परिणाम दे रहा है। सही मात्रा में DAP, TSP, SSP या NPK का उपयोग करने से फसल का विकास तीव्र होता है और मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी भी दूर होती है।
मुख्य शब्द: DAP, TSP, SSP, NPK, उर्वरक तुलना
नीचे DAP, TSP, SSP और NPK के बीच के मुख्य अंतर और उनकी विशेषताएँ दी गई हैं। यह सेक्शन करीब 8-10 पंक्तियों का होगा ताकि किसान आसानी से समझ सकें कि इन उर्वरकों के घटक क्या हैं और किस प्रकार की मिट्टी में इनका प्रयोग करना लाभकारी है।
DAP (Diammonium Phosphate) में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस की उच्च मात्रा होती है। यह फॉस्फोरस को जल में जल्दी घुलने वाला रूप देता है और पौधों की जड़ों को जल्दी पोषण पहुंचाता है।
TSP (Triple Super Phosphate) में केवल फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है, जो जड़ों की वृद्धि को बढ़ावा देती है।
SSP (Single Super Phosphate) में कैल्शियम और सल्फर भी होते हैं, जिससे मिट्टी में इनकी कमी पूरी होती है।
NPK (Nitrogen-Phosphorus-Potassium) मिश्रित उर्वरक है जो तीनों मुख्य पोषक तत्वों को संतुलित मात्रा में उपलब्ध कराता है।
इन उर्वरकों का चयन मिट्टी की रिपोर्ट और फसल के चरण के आधार पर कर सकते हैं।
उर्वरक का अवलोकन तालिका
खाद का नाम | मुख्य विवरण |
DAP | उच्च नाइट्रोजन (18%) + फॉस्फोरस (46%) |
TSP | फॉस्फोरस (46%) |
SSP | फॉस्फोरस (16%) + कैल्शियम + सल्फर |
NPK (10:26:26) | नाइट्रोजन 10%, फॉस्फोरस 26%, पोटेशियम 26% |
यूरिया (Urea) | नाइट्रोजन 46% |
MOP (म्यूरिएट ऑफ पोटैशियम) | पोटेशियम 60% |
ZnSO₄ (जिंक सल्फेट) | मूंगफली और चावल फसलों में जिंक की कमी दूर करे |
उर्वरक मिश्रित (SSP+DAP) | ज़मीन की उर्वरक संतुलन बनाए रखने के लिए मिश्रण |
कौन-सी खाद किसानों के लिए सबसे असरदार?
किसान अपनी फसल और मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:
- मिट्टी जांच रिपोर्ट: सबसे पहले मिट्टी में NPK और सूक्ष्म पोषक तत्वों का स्तर जानें।
- फसल का प्रकार: धान, गेहूँ, साबुत अनाज और तिलहन फसलों को अलग-अलग पोषक तत्व की आवश्यकता होती है।
- पोषक संतुलन: NPK मिश्रित उर्वरक संतुलित पोषण देते हैं, लेकिन मिट्टी में किसी तत्व की कमी होने पर SSP या ZnSO₄ जैसे सिंगल सुपर फॉस्फेट या जिंक सल्फेट का उपयोग करें।
- लागत और उपलब्धता: DAP और यूरिया सस्ते और आसानी से उपलब्ध रहते हैं, परंतु मात्राबद्ध उपयोग न करें।
- सिंचाई प्रणाली: ड्रिप सिंचाई में पोटाश की जरूरत होती है, इसलिए MOP या NPK का समर्थन करें।
- बायो-उर्वरक के साथ संगतता: जैविक खाद जैसे कम्पोस्ट या एज़ोबैक्टर के साथ DAP का मिश्रित रूप अच्छा रहता है।
इन बिंदुओं की सहायता से किसान अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं और मिट्टी की सेहत भी बनाए रख सकते हैं।
निष्कर्ष और सलाह
कुल मिलाकर, NPK मिश्रित उर्वरक किसानों के लिए सर्वाधिक प्रभावी होता है क्योंकि यह तीनों मुख्य पोषक तत्वों को एक साथ देता है। हालांकि, मिट्टी जांच रिपोर्ट में जब किसी एक तत्व की कमी हो, तब DAP, TSP या SSP का अलग-अलग उपयोग फसल वृद्धि को बेहतर बनाता है। भारत सरकार के कृषि विभाग के गाइडलाइन्स के अनुसार, संतुलित उर्वरक उपयोग से पैदावार में 15–20% तक वृद्धि संभव है।