डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे के लिंक रोड को जोड़ने के लिए फरीदाबाद में 140 मीटर लंबा आर्च ब्रिज बनाने का काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने शुरू कर दिया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद जैसे तीन राज्यों के बीच यातायात को सुगम बनाना और जाम की समस्या को कम करना है। करीब छह महीने में इस आर्च ब्रिज का निर्माण पूर्ण कर, एक्सप्रेसवे के पूरे हिस्से को वाहन चालकों के लिए खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 6-12 लेन चौड़ा, लगभग 59 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे है, जो दिल्ली के डीएनडी फ्लाईवे और फरीदाबाद के केएमपी एक्सप्रेसवे को जोड़ता है। यह एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एनएच-148एनए के अंतर्गत है और भारत सरकार के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर विकास प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस एक्सप्रेसवे से पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे व्यवसाय, परिवहन और आवागमन में तेजी आएगी।
DND-KMP Expressway Link Road: New Update
फरीदाबाद में बाईपास रोड को डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे के लिंक रोड के रूप में विकसित किया गया है, जिसे वाहनों के लिए पहले ही खोला जा चुका है। दिल्ली के महारानी बाग से कालिंदी कुंज चौक तक का फ्लाईओवर बनकर तैयार है, लेकिन कालिंदी कुंज के पास फ्लाईओवर से लिंक करने वाला हिस्सा अभी बाकी था। इस हिस्से के निर्माण के लिए पहले आगरा नहर के बीच पिलर खड़ा करने की योजना बनी थी, लेकिन सिंचाई विभाग की अप्रूवल न मिलने के कारण ये संभव नहीं हो पाया। इसके समाधान के लिए अब बीच के हिस्से को मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए 140 मीटर लंबा आधुनिक आर्च ब्रिज बनाया जाएगा।
आर्च ब्रिज खास होता है और यह मेहराब की तरह अर्धगोलाकार होता है, जो मजबूती के लिए जाना जाता है। पहले इनका निर्माण पत्थर और ईंटों से होता था, लेकिन अब ये स्टील और कंक्रीट का इस्तेमाल कर अत्याधुनिक तकनीक से बनाए जाते हैं। इस ब्रिज के बनने से दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद के बीच यातायात तेजी से बढ़ेगा और जाम की समस्या में कमी आएगी। वाहन चालक बिना किसी रुकावट के दिल्ली से सीधे केएमपी एक्सप्रेसवे लिंक रोड तक पहुंच सकेंगे।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक धीरज सिंह ने बताया कि इस आर्च ब्रिज के निर्माण से लंबित निर्माण कार्य पूरा होगा और यह छह माह में समाप्त कर दिया जाएगा। इसके बाद पूरे डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे लिंक को ट्रैफिक के लिए खोलने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इससे तीनों राज्यों के बीच यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी और क्षेत्र में व्यापार व आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना का महत्व और सरकार की भूमिका
यह आर्च ब्रिज परियोजना भारत सरकार की सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा संचालित की जा रही है। यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर यातायात के प्रवाह को बेहतर बनाने, यात्रा समय को कम करने और विभिन्न राज्यों के आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे और इससे जुड़ी लिंक रोड के द्वारा मुख्य रूप से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे तीन राज्यों को समान लाभ मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे इन राज्यों के बीच दूरी को कम करके व्यवसाय और यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा। इसके तहत सड़क नेटवर्क को आधुनिक और तकनीक के अनुसार मजबूत बनाया जा रहा है, जिससे बड़े वाहनों और ट्रकों का आवागमन सीधा और सुरक्षित होगा।
सरकार ने इस परियोजना के लिए विशेष बजट आवंटित किया है, जो सड़क सुरक्षा, यातायात नियंत्रण, निर्माण कार्य और रखरखाव के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार के “स्मार्ट सिटी” और “आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास” जैसे कार्यक्रमों के तहत भी इसका समर्थन प्राप्त हो रहा है। यह न सिर्फ स्थानीय परिवहन के लिए बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास में भी सहायक सिद्ध होगा।
आर्च ब्रिज के बाद क्या होगा?
140 मीटर लंबे आर्च ब्रिज के निर्माण के पूरा होने के बाद तीनों राज्यों दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद के बीच आवागमन की समस्या में काफी सुधार होगा। जाम की समस्या घटेगी, जिससे रोजाना की यात्रा तनावमुक्त और तेज होगी। व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी और इस क्षेत्र के निवासी समय की बचत के साथ आर्थिक लाभ भी उठाएंगे।
इस ब्रिज के जरिए वाहन बाइपास रोड से डीएनडी व केएमपी एक्सप्रेसवे के लिंक तक बिना रुकावट पहुंच सकेंगे। इससे अतिरिक्त ट्रैफिक आरामदायक और सुरक्षित होगा, साथ ही पूरे क्षेत्र का ट्रैफिक लोड कम होगा। ट्रैफिक नियमों और सड़क सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए यह ब्रिज यात्रियों को बेहतर सुविधा देगा।
निष्कर्ष
DND-KMP एक्सप्रेसवे लिंक रोड को जोड़ने के लिए 140 मीटर लंबा आर्च ब्रिज बनने से दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद के यात्रियों को भारी लाभ होगा। यह परियोजना यातायात को आसान और तेज बनाएगी, जिससे तीनों राज्यों का विकास होगा। भारतीय सरकार और एनएचएआई की इस पहल से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी।











