अक्टूबर 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। कुछ हफ्तों तक लगातार बढ़त के बाद सोने की कीमती धातु की कीमतों में 12 साल के सबसे बड़े गिरावट का सिलसिला शुरु हो गया। वहीं, चांदी ने इस बीच बाजार में नया रिकॉर्ड तोड़ डाला और अपने पुराने उच्चतम मूल्य को पार कर गई है। इस लेख में सोने और चांदी दोनों की ताजा स्थिति, कारण और बाजार की संभावित भविष्यवाणी को आसान हिंदी में समझाया गया है।
भारत में सोने और चांदी की मांग त्योहारों के मौसम में वैसे भी बढ़ जाती है, इसलिए कीमतों में इन उतार-चढ़ाव का असर आम जनता और निवेशकों दोनों पर होता है। इस बार सोने में तेज गिरावट आयी है, जिसे बाजार में पॉपुलर रूप से “औंधे मुंह गिरना” कहा जा रहा है। यानी, अचानक और तेजी से मुल्य गिर गया। यह गिरावट वैश्विक बाज़ार की स्थितियों, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और यूएस-चीन व्यापार वार्ता में सुधार के चलते हुई है। इसके विपरीत, चांदी ने अभूतपूर्व तेजी से अपनी कीमतें बढ़ाई हैं, जो निवेशकों के लिए नई उत्सुकता जगाने वाली खबर है।
सोना गिरावट का मुख्य कारण और स्थिति (Gold Price Down News)
सोने की कीमतें अक्टूबर 2025 में करीब 6% की गिरावट के साथ 4000 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गईं। यह गिरावट 12 वर्षों में सबसे बड़ी कही जा रही है। इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं:
- अमेरिकी डॉलर की मजबूती, जिससे सोने जैसी कीमती धातु की मांग में कमी आई।
- यूएस और चीन के बीच व्यापारिक तनावों में कमी, जिससे निवेशकों का जोखिम लेना बढ़ा।
- बाजार में लाभ निकासी की प्रक्रिया, जहां निवेशक अपनी पूंजी सुरक्षित निकाल रहे हैं।
- फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों में कमी।
भारत में भी 24 कैरेट सोने की कीमतें लगभग ₹12,562 प्रति ग्राम पर आ गयीं, जो पिछले हफ्ते के मुकाबले में ₹71,000 प्रति 100 ग्राम की गिरावट दर्शाती हैं।
चांदी ने तोड़ा रिकॉर्ड, कीमतों में तेजी
चांदी का प्रदर्शन सोने से अलग रहा। इस साल चांदी ने अपने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। अक्टूबर 2025 में चांदी के दाम $54.47 प्रति औंस के उच्चतम स्तर तक पहुंच गए। यह कीमत पिछले 45 वर्षों में सबसे ऊंची है। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
- चांदी की औद्योगिक मांग में तेज बढ़ोतरी।
- दुनिया भर में चांदी की कमी और शॉर्टेज की स्थिति।
- निवेशकों की चांदी में तेज रुचि।
भारत में चांदी की कीमतें ₹156 प्रति ग्राम और ₹1,56,000 प्रति किलो के आसपास हैं।
सोना और चांदी की कीमतों का संक्षिप्त सारांश तालिका
| धातु | अक्टूबर 2025 उच्चतम मूल्य | अक्टूबर 2025 हाल की कीमत | प्रमुख परिव्योंजन कारण | भारत में लगभग मूल्य (₹ प्रति ग्राम) |
| सोना (24 कैरेट) | $4381 प्रति औंस | $4087 प्रति औंस | अमेरिकी डॉलर मजबूती, लाभ निकालना | ₹12,562 |
| चांदी | $54.47 प्रति औंस | $48-54 प्रति औंस (पर उतार-चढ़ाव) | औद्योगिक मांग, कमी, निवेशकों की रुचि | ₹156 |
सोने-चांदी की कीमतों पर आने वाले प्रभाव (Gold, Silver Price Impact)
- सोने की गिरावट से व्यक्तिगत निवेशकों, जेवर निर्माताओं, और व्यापारी वर्ग को नुकसान हुआ है।
- चांदी की बढ़ती कीमतें औद्योगिक इकाइयों और घरेलू मांग में वृद्धि लाएंगी, जिससे कई क्षेत्रों को फायदा होगा।
- निवेशकों को चाहिए कि वे इन उतार-चढ़ाव को समझकर जल्दबाजी न करें। सोना और चांदी दोनों ही दीर्घकालीन निवेश के लिए महत्वपूर्ण धातुएं हैं।
हाल की बाजार रिपोर्ट और विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के अनुसार सोने का यह गिरावटी दौर तकनीकी सुधार (Technical Correction) है, जो बड़े लाभ लेने के चलते आया है। इसका मतलब है कि बाजार अब फिर से स्थिर होगा या आगे बढ़ेगा भी। वहीं, चांदी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद कीमतों में थोड़ी स्थिरता आना संभावना की बात कही जा रही है। इन्हीं वजहों से निवेशकों को धैर्य रखने और बाजार के रुझान को समझदारी से देखने की सलाह दी जाती है।
निवेशकों के लिए सुझाव (Tips for Investors)
- सोना और चांदी खरीदते समय BIS हॉलमार्क और प्रमाणपत्र जरूर लें।
- बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव पर नजर रखें पर जल्दबाजी से बचें।
- त्योहार या खास मौके से पहले कीमतों में तेजी आ सकती है, इसलिए सही समय चुनें।
- प्रामाणिक और विश्वसनीय ज्वैलर्स और संस्थानों से ही खरीदारी करें।
निष्कर्ष
अक्टूबर 2025 में सोने की कीमतों में आई तेज गिरावट एक सामान्य बाजार सुधार का संकेत है, न कि किसी बड़े आर्थिक संकट का। चांदी का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन भी निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। ये दोनों धातुएं लंबे समय तक निवेश के लिए उपयुक्त हैं, और इनके मूल्य में आने वाले छोटे उतार-चढ़ाव को गहराई से समझकर ही निवेश करना चाहिए।










