दिवाली के त्योहार के बाद सोने के दामों में अचानक बड़ी गिरावट आई है। 24 अक्टूबर 2025 को सुबह से लेकर दोपहर तक सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन खासकर 3 बजे के बाद बाजार में सोने के दाम आज बहुत ज्यादा गिर गए। इस गिरावट के कई कारण हैं जैसे वैश्विक बाजारों में डॉलर की मजबूती, निवेशकों की मुनाफा वसूली, और त्योहारों के बाद मांग में कमी। इस लेख में आज के सोने के दाम, उनकी वजहें और आने वाले दिनों की संभावित स्थिति की पूरी जानकारी सरल भाषा में दी गई है।
त्योहारी सीजन के दौरान सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थीं, लेकिन त्योहारों के समाप्त होने के साथ ही बाजार ने ठंडा रुख अपनाया। निवेशक अब मुनाफा लेकर सोने की खरीदारी में सतर्क हो गए हैं। इसके अलावा, वैश्विक बाजार में बढ़ते डॉलर और अमेरिका में महंगाई के आने वाले आँकड़े भी सोने की कीमतों पर दबाव डाल रहे हैं।
सोने के दामों में गिरावट का मतलब यह नहीं कि सोने की कीमतें स्थिर नहीं होंगी। ये उतार-चढ़ाव सामान्य बाजार की प्रक्रिया है और निवेशकों को हमेशा सावधानी से निर्णय लेना चाहिए। अब जानते हैं क्या है आज का सोना का रेट और इसके मुख्य पहलू।
सोने के दामों में गिरावट: 3 बजे के बाद सबसे बड़ा झटका
आज सुबह एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाला सोना लगभग ₹1,22,000 प्रति 10 ग्राम की कीमत पर ट्रेड कर रहा था, लेकिन 3 बजे के बाद कीमत में लगभग ₹1,800 से ₹2,000 तक की तेज गिरावट दर्ज हुई। इसका प्रमुख कारण डॉलर की मजबूती और त्योहारों के बाद कम होती घरेलू मांग है।
निवेशकों में प्रॉफिट बुकिंग का चलन बढ़ गया है, जो पिछले कुछ हफ्तों से लगातार बढ़ती कीमतों के बाद एक सामान्य प्रक्रिया है। चांदी की कीमतों में भी लगभग ₹2,700 प्रति किलो की गिरावट हुई है, जो सोने के भाव की तरह ही बाजार में बिकवाली का संकेत है।
सोने के दाम और बाजार का संक्षिप्त अवलोकन
| पहलू | जानकारी |
| सोने का भाव (24 अक्टूबर) | ₹1,22,000 – ₹1,23,000 प्रति 10 ग्राम |
| गिरावट की मात्रा | ₹1,800 से ₹2,000 प्रति 10 ग्राम |
| प्रमुख कारण | डॉलर की मजबूती, मांग में कमी, मुनाफा वसूली |
| चांदी की कीमत | ₹1,47,000 प्रति किलो के आसपास |
| बाजार का रुख | सावधानी और बिकवाली |
| त्योहारी सीजन का प्रभाव | दीवाली के बाद मांग में गिरावट |
| वैश्विक प्रभाव | अमेरिका की महंगाई के आंकड़ों से प्रभावित |
सोने के दामों में गिरावट के कारण
- डॉलर की मजबूती: डॉलर मजबूत होने से सोने जैसी कमोडिटी की कीमतें गिरती हैं, क्योंकि सोना डॉलर में टिका होता है। डॉलर मजबूत होने पर भारत में सोने की कीमतों में गिरावट आती है।
- मुनाफा वसूली: त्योहारों के दौरान निवेशकों ने सोने की बढ़ती कीमतों का फायदा उठाया, अब वे मुनाफा निकाल रहे हैं जिससे बाजार में बिकवाली बढ़ी है।
- मांग में कमी: दिवाली के बाद ज्यादातर लोग सोना खरीदना बंद कर देते हैं, जिससे मांग कम हो जाती है और कीमतें गिरती हैं।
- वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम: अमेरिका में महंगाई के हालिया आंकड़े आने वाले हैं, जिनका असर सोने के दामों पर पड़ता है।
सोने की खरीदारी के लिए सुझाव
- सोना खरीदने से पहले बाजार के रुझान अच्छी तरह समझें और सही समय का इंतजार करें।
- त्योहारों के बाद होने वाली गिरावट का फायदा उठाना अच्छा विकल्प हो सकता है।
- 22 कैरेट सोना आमतौर पर ज्वेलरी के लिए बेहतर माना जाता है क्योंकि यह शुद्धता और मजबूती का संतुलन रखता है।
- सोने की खरीदारी करते समय मेकिंग चार्ज और जीएसटी का ध्यान रखें, क्योंकि ये दामों में शामिल नहीं होते।
आज के प्रमुख शहरों में सोने के दाम (24 अक्टूबर 2025)
| शहर | 24 कैरेट सोना (₹ प्रति 10 ग्राम) | 22 कैरेट सोना (₹ प्रति 10 ग्राम) |
| दिल्ली | 1,26,020 | 1,14,790 |
| मुंबई | लगभग समान | लगभग समान |
| कोलकाता | लगभग समान | लगभग समान |
| चेन्नई | 96,000 (18 कैरेट) | – |
| भोपाल | 94,140 (18 कैरेट) | – |
| इंदौर | 94,140 (18 कैरेट) | – |
निष्कर्ष
3 बजे के बाद सोने के दामों में आई गिरावट मुख्य रूप से बाजार की सामान्य प्रतिक्रिया है जो त्योहारों के बाद आमतौर पर होती है। इस गिरावट से निवेशकों को फायदा लेने का मौका मिलता है। हालांकि, भविष्य में कीमतों का रुख वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, डॉलर की चाल और घरेलू मांग पर निर्भर करता रहेगा।
सोने की खरीदारी करने वाले लोगों को चाहिए कि वे बाजार की स्थिति को ध्यान से देखें और जल्दबाजी न करें। निवेश के लिए सही समय चुनना हमेशा लाभकारी होता है।











