लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य परिवार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें घरेलू खर्चों में सहयोग देना है। राज्य सरकार हर माह पात्र महिलाओं को सीधा नकद लाभ उनके बैंक खातों में भेजती है।
शुरुआत में योजना के तहत हर महिला को 1000 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे थे। बाद में इसे बढ़ाकर 1250 रुपये करने का ऐलान किया गया। अब मुख्यमंत्री ने दिवाली के अवसर पर एक और खुशखबरी देते हुए बताया है कि इस बार लाभार्थियों को 250 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
यानी अक्टूबर-नवंबर माह में महिलाओं के खाते में कुल 1500 रुपये की राशि जमा होगी। सरकार का कहना है कि यह अतिरिक्त किस्त महिलाओं को त्योहार के समय आवश्यक घरेलू जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी। इससे महिलाएं अपने और अपने परिवार के लिए खुशियां मना सकेंगी।
दिवाली जैसे बड़े पर्व पर यह आर्थिक सहारा गरीब वर्ग की महिलाओं के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
Ladli Behna Yojana: Latest Update
लाड़ली बहना योजना में वही महिलाएं पात्र हैं जिनकी उम्र 23 वर्ष से 60 वर्ष के बीच है और जो मध्य प्रदेश की निवासी हैं। इसके साथ ही उनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे या निम्न आय वर्ग में होना चाहिए। योजना का लाभ विवाहित, विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाओं को भी दिया जाता है।
महिलाओं का परिवार आयकरदाता नहीं होना चाहिए और न ही उनके परिवार के पास चार पहिया वाहन या बड़े कृषि भूमि होनी चाहिए। इसके तहत केवल वही परिवार पात्र हैं जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है।
आवेदन प्रक्रिया कैसे करें
यदि कोई नई महिला इस योजना में जुड़ना चाहती है तो उसे अपने नजदीकी ग्राम पंचायत या वार्ड कार्यालय में संपर्क करना होगा। वहां लाड़ली बहना योजना का फॉर्म भरना होता है। आवेदन के समय निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं –
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- बैंक पासबुक
- परिवार समग्र आईडी
- पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन की जांच संबंधित अधिकारी द्वारा की जाती है। सभी कागजात सही पाए जाने पर महिला का नाम लाभार्थी सूची में शामिल किया जाता है। उसके बाद हर माह सीधे उसके बैंक खाते में सहायता राशि भेजी जाती है।
सरकार की योजना का मकसद
इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है ताकि वे अपने खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें। सरकार का मानना है कि यदि महिलाओं को सीधी आर्थिक सहायता दी जाए तो परिवार की जीवनशैली में भी सुधार होता है।
लाड़ली बहना योजना ने अब तक लाखों बहनों को जोड़ा है। इसके तहत न केवल ग्रामीण महिलाएं बल्कि शहरों की गरीब महिलाएं भी लाभ उठा रही हैं। सरकार के अनुसार योजना का मकसद महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना है।
दिवाली बोनस के महत्व पर नजर
दिवाली के अवसर पर सरकार द्वारा जो 250 रुपये की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा की गई है, वह एक बोनस की तरह है। मुख्यमंत्री का कहना है कि महिलाओं को त्योहार के दौरान अतिरिक्त आर्थिक राहत मिलनी चाहिए ताकि वे भी खुशी से त्योहार मना सकें। यह अतिरिक्त राशि राज्य सरकार के बजट से दी जाएगी और इसे नवंबर की पहली सप्ताह तक खातों में भेजा जा सकता है।
इस निर्णय से करीब 1.36 करोड़ महिलाएं लाभान्वित होंगी। सरकार ने बताया है कि भविष्य में इस योजना की रकम को और बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा ताकि महिलाओं के आर्थिक विकास को निरंतर समर्थन मिल सके।
योजना का असर
लाड़ली बहना योजना ने सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से कई बदलाव लाए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अब अपने छोटे-मोटे खर्च खुद संभालती हैं। कई महिलाएं इस राशि को बचत के रूप में उपयोग कर रही हैं या अपने परिवार की जरूरतों पर खर्च कर रही हैं।
यह योजना महिलाओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुई है और राज्य में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है।
निष्कर्ष
लाड़ली बहना योजना की दिवाली बोनस राशि ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति गंभीर है। दिवाली से पहले मिलने वाली इस 250 रुपये की अतिरिक्त किस्त से लाखों परिवारों में खुशी का माहौल बनेगा। यह कदम न केवल महिलाओं के सम्मान को बढ़ाएगा बल्कि सामाजिक बराबरी की दिशा में भी एक प्रेरक कदम साबित होगा।