देशभर में एक बार फिर से एलपीजी गैस सब्सिडी का पैसा मिलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार ने एलपीजी उपभोक्ताओं, खासकर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) से जुड़े लाभार्थियों को बड़ी राहत दी है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति सिलेंडर 300 रुपये तक की सब्सिडी देने का निर्णय लिया है।
यह सब्सिडी 14.2 किलोग्राम वाले गैस सिलेंडर पर लागू होगी और अधिकतम 9 रीफिल के लिए दी जाएगी। इस नीति से लगभग 10 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शनधारी महिलाओं को सीधे फायदा पहुंचेगा। सरकार ने इस योजना के लिए कुल 12,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है ताकि गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले परिवारों को सस्ती दरों पर रसोई गैस उपलब्ध कराई जा सके।
यह कदम खासकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती एलपीजी कीमतों के दबाव से भारतीय उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उठाया गया है।
What is LPG Gas Subsidy?
एलपीजी गैस सब्सिडी वह आर्थिक सहायता है जो सरकार उपभोक्ताओं को रसोई गैस की कीमतों में कमी लाने के लिए देती है। इसके अंतर्गत उपभोक्ता पहले गैस सिलेंडर का पूरा बाजार मूल्य भरते हैं और उसके बाद सरकार उस पर दी जाने वाली सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली के माध्यम से जुड़ी होती है, जिससे बीच के बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और पारदर्शिता बढ़ती है।
भारत में यह पूरा सिस्टम “पहल योजना” (PAHAL – Pratyaksh Hanstantrit Labh) के तहत संचालित होता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी नकद हस्तांतरण योजना है जिसमें देश के 33 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है। आधार कार्ड और बैंक खाते को एलपीजी कनेक्शन से लिंक कराना इस योजना का मुख्य आधार है। एलपीजी डिलीवरी के बाद तय सब्सिडी राशि कुछ दिनों के भीतर उपभोक्ता के खाते में आ जाती है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से सीधा संबंध
एलपीजी सब्सिडी का सबसे बड़ा लाभ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की महिलाओं को मिलता है। यह योजना मई 2016 में शुरू की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य था कि देश के हर गरीब परिवार में रसोई का धुआं खत्म हो और महिलाएं स्वच्छ ईंधन का उपयोग करें। अब तक लगभग 10.33 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शन देशभर में दिए जा चुके हैं।
इस योजना के तहत लाभार्थियों को गैस सिलेंडर, रेगुलेटर, पाइप, पुस्तक और इंस्टॉलेशन सब कुछ फ्री में मिलता है। उज्ज्वला 2.0 चरण में सरकार ने लाभार्थियों को पहला रिफिल और चूल्हा भी मुफ्त में देना शुरू किया था। ये सभी खर्च या तो सरकार वहन करती है या फिर सार्वजनिक तेल कंपनियां (OMCs) इनके भुगतान की जिम्मेदारी संभालती हैं।
सब्सिडी की नई राशि और पात्रता
वर्ष 2025-26 में उज्ज्वला योजना के तहत 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर पर 300 रुपये और 5 किलोग्राम वाले सिलेंडर पर उसी अनुपात में सब्सिडी दी जा रही है। प्रत्येक परिवार को वित्त वर्ष में अधिकतम 9 सब्सिडी वाले सिलेंडर के लिए यह लाभ मिलेगा। बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में लाभार्थियों के बैंक खातों में पहले से ही सब्सिडी की राशि जमा होनी शुरू हो गई है।
एलपीजी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्र उपभोक्ता को कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं। उपभोक्ता भारतीय निवासी होना चाहिए और उसके परिवार की वार्षिक आय 10 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। साथ ही, आधार और बैंक खाते को एलपीजी नंबर से लिंक करना अनिवार्य है। प्रत्येक परिवार को केवल एक ही सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।
पहल योजना से मिल रही पारदर्शिता
पहल (PAHAL) योजना ने एलपीजी सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता लाई है। सरकार ने 2025 में 4 करोड़ से अधिक फर्जी या निष्क्रिय कनेक्शन रद्द कर दिए हैं ताकि केवल पात्र उपभोक्ताओं तक ही सब्सिडी का लाभ पहुंचे। अब गैस डिलीवरी के समय बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और ओटीपी आधारित डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) जैसे डिजिटल तरीकों को लागू किया गया है। इस व्यवस्था से सब्सिडी में धोखाधड़ी लगभग समाप्त हो गई है ।
साथ ही, सरकार नियमित जांच और निरीक्षण भी कर रही है ताकि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक सब्सिडी न ले सके। अब अधिकांश उपभोक्ताओं के खातों में समय पर सब्सिडी पहुंच रही है और संतुष्टि दर भी 90 प्रतिशत से अधिक है।
निष्कर्ष
एलपीजी गैस सब्सिडी का पैसा एक बार फिर उपभोक्ताओं के खातों में पहुंचना शुरू हो गया है, जिससे आम परिवारों को बड़ी राहत मिली है। सरकार का यह कदम न सिर्फ आर्थिक मदद के रूप में है बल्कि स्वच्छ ईंधन को अपनाने की दिशा में भी एक बड़ा परिवर्तन है। पहल और उज्ज्वला जैसी योजनाओं ने देश के हर घर में रसोई गैस पहुंचाने के लक्ष्य को मजबूत किया है, जिससे महिलाओं के जीवन में सुविधा और स्वास्थ्य दोनों में सुधार आया है।











