भारत के करोड़ों किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) आर्थिक सहारा देने वाली योजना है। हर साल कई किसानों को खातों में सीधी राशि दी जाती है। हाल ही में खबर आई कि करीब 31 लाख किसानों के नाम लाभार्थी लिस्ट से हटा दिए गए हैं। इसी बीच, 21वीं किस्त की तारीख भी सामने आई है, जिससे लाखों किसान परिवार इंतजार कर रहे हैं।
पिछली कुछ किस्तों के समय, योजना के नियमों और सत्यापन प्रक्रिया में बदलाव लाए गए। इससे कई लाभार्थी किसानों के रिकॉर्ड फिर से जांचे गए और गलत या अपूर्ण दस्तावेज के चलते उनका नाम हट गया। अब सरकार ने 21वीं किस्त जारी करने की तैयारी पूरी कर ली है, जिससे पात्र किसानों के खातों में फिर से मदद पहुंचेगी।
PM Kisan Yojana: 21वीं किस्त और 31 लाख नाम कटने की पूरी जानकारी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को हर साल 6000 रुपए तीन किस्तों में बैंक खाते में दिए जाते हैं। अब 21वीं किस्त की तैयारी चल रही है, लेकिन इतने सारे नाम हटने की वजह क्या रही और किसे पैसा मिलेगा—यह जानना जरूरी है।
सरकार द्वारा जारी सूचना के अनुसार, 31 लाख किसानों को लिस्ट से हटाया गया है। कारण है दस्तावेजों की कमी, गलत जानकारी, आधार लिंकिंग न होना या जमीन के रिकॉर्ड में गड़बड़ी। इससे पहले 14 करोड़ से ज्यादा किसान लाभार्थी थे, अब यह संख्या कुछ कम हो सकती है।
21वीं किस्त की तारीख पर ध्यान दिया जाए, तो अक्टूबर के अंत अथवा नवंबर के पहले हफ्ते तक रकम आने की संभावना है। कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर नियमित अपडेट दी जा रही है। पात्र किसान अपना स्टेटस वहां देखकर पैसा मिलने की पुष्टि कर सकते हैं।
पीएम किसान योजना की मुख्य बातें (Table: Scheme Overview)
| विशेष जानकारी | योजना संबंधी विवरण |
| योजना का नाम | प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) |
| शुरूआत कब हुई | फरवरी 2019 |
| लाभार्थी वर्ग | छोटे और सीमांत किसान (2 हेक्टेयर तक) |
| लाभ की राशि | 6000 रुपये सालाना (3 किस्तों में) |
| हालिया किस्त | 21वीं किस्त |
| कटे नाम कितने | लगभग 31 लाख |
| कारण नाम हटने के | दस्तावेज गड़बड़ी, आधार लिंक नहीं, भूमि विवाद |
| किस्त आने की संभावित तारीख | नवम्बर 2025 |
| ऑफिसियल वेबसाइट | pmkisan.gov.in |
किस किसानों का नाम हटा?
- जिन किसानों के दस्तावेज पूरे नहीं थे उनका नाम लिस्ट से हटा है।
- जिनका आधार कार्ड खाते या जमीन रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहा, वह योजना से बाहर हुए हैं।
- जिन पर सरकारी नियम के अनुसार टैक्स या पेंशन का प्रावधान है, वे भी योजना के पात्र नहीं हैं।
- जिनका मोबाइल नंबर या बैंक डिटेल सही दर्ज नहीं हुई, उन्हें भी लाभ नहीं मिलेगा।
- सरकार हर किस्त से पहले डेटा वेरिफिकेशन करती है।
- नए रजिस्ट्रेशन या पहचान में समस्या है तो नाम कट सकता है।
- अगर किसी किसान के नाम पर शहर में संपत्ति पाई जाती है तो भी लिस्ट से हटा सकते हैं।
- कृषि मंत्रालय का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से हुई है।
21वीं किस्त कब आएगी?
सरकारी स्रोतों के अनुसार, 21वीं किस्त की तारीख अक्टूबर के आखिरी दिनों या नवंबर के पहले सप्ताह में घोषित हो गई है।
जिन किसानों का नाम सही लिस्ट में है, उन सभी के खाते में किस्त पहुंचेगी।
सरकार की वेबसाईट (pmkisan.gov.in) पर बेनिफिशियरी स्टेटस चेक कर सकते हैं।
अगर आपका नाम लिस्ट में नहीं है, तो आप अपने नजदीकी कृषि विभाग या CSC सेंटर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
नए किसानों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिससे उन्हें अगले भुगतान के लिए पात्रता मिलेगी।
जो किसान आधार कार्ड और जमीन के रिकॉर्ड सही कर लेंगे, उन्हें पुनः जोड़ दिया जाएगा।
इतना ध्यान रहे: पात्र किसान ही इस योजना का लाभ लें।
अन्य दस्तावेज जैसे बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर अपडेट रखें।
पीएम किसान योजना के लाभ (Key Benefits)
- सीधे बैंक खाते में ₹2000 की तीन किस्तों में सालाना आर्थिक मदद।
- खेती-किसानी के खर्च में आंशिक सहायता।
- सरकारी पोर्टल से पूरी पारदर्शिता और ट्रैकिंग।
- पात्रता सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम।
- नए किसानों के लिए भी खुले रजिस्ट्रेशन का मौका।
- समय-समय पर सरकार द्वारा नामांकन वेरिफिकेशन।
किसान अपने नाम और स्टेटस ऐसे जांचें
- ऑफिसियल वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं
- ‘Beneficiary Status’ या ‘लाभार्थी सूची’ चुनें
- आधार, अकाउंट या मोबाइल नंबर भरें
- अगर नाम है, तो किस्त मिल जाएगी
- नाम न हो, तो दस्तावेज सही करें या कृषि विभाग से मिलें
किन्हें अभी भी लाभ मिलेगा?
- जिनके दस्तावेज पूरे और सही हैं
- सभी जानकारी आधार नम्बर के अनुरूप
- जमीन का रिकॉर्ड स्पष्ट और डिजिटल मौजूद
- बैंक, मोबाइल और अन्य डिटेल्स अपडेट
- सरकारी नियमों के सभी मापदंड पूरे होते हैं
किसान ध्यान दें
- समय-समय पर अपने रिकॉर्ड अपडेट करें।
- बैंक, आधार और जमीन के दस्तावेज में कोई झूठी जानकारी न दें।
- लाभ न मिलने पर हेल्पलाइन या कृषि विभाग से संपर्क करें।
- कोई बिचौलिए से न जुड़ें; सरकारी मदद निशुल्क मिलती है।











