प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। यह योजना 17 सितंबर 2023 को शुरू की गई थी और अब 2025 तक पूरे देश में हजारों ट्रेनिंग सेंटर सक्रिय हैं। इसका संचालन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) के तहत किया जा रहा है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को स्किल ट्रेनिंग, टूलकिट, प्रमाणपत्र, और वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें ।
PM Vishwakarma Yojana क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पीढ़ियों से कारीगरी कर रहे विश्वकर्मा समुदाय के लोगों को तकनीकी रूप से उन्नत बनाना है। लाभार्थियों को 5–7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही ₹15,000 तक का टूलकिट इंसेंटिव और ₹3 लाख तक का बिना गारंटी वाला लोन भी प्राप्त होता है।
ट्रेनिंग के दौरान ₹500 प्रतिदिन का स्टाइपेंड दिया जाता है। यह योजना केवल आर्थिक मदद ही नहीं, बल्कि रोजगार सृजन का एक बड़ा माध्यम बन चुकी है।
योजना की मुख्य जानकारी
| योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 |
| शुरू करने की तारीख | 17 सितंबर 2023 |
| मंत्रालय | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) |
| प्रशिक्षण एजेंसी | राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) |
| कुल प्रशिक्षण केंद्र (2025) | 15,441 |
| कुल ज़िले कवर | 618 |
| DPMU (डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट्स) | 497 |
| प्रशिक्षण प्रदाता | 376 |
| कार्यरत राज्य | 31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश |
| वेबसाइट | pmvishwakarma.gov.in |
PM Vishwakarma Training Centers List 2025
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 15,441 ट्रेनिंग सेंटर सक्रिय हैं। ये सेंटर लाभार्थियों को बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग दोनों देते हैं। सबसे ज्यादा केंद्र कर्नाटक (1,943), मध्य प्रदेश (1,872) और गुजरात (1,196) में हैं। वहीं, लद्दाख, पुडुचेरी, सिक्किम जैसे छोटे क्षेत्रों में केंद्रों की संख्या कम है ।
नीचे प्रमुख राज्यों की लिस्ट दी गई है –
| राज्य | ट्रेनिंग सेंटर की संख्या |
| कर्नाटक | 1,943 |
| मध्य प्रदेश | 1,872 |
| गुजरात | 1,196 |
| महाराष्ट्र | 1,436 |
| उत्तर प्रदेश | 1,439 |
| राजस्थान | 1,354 |
| बिहार | 963 |
| जम्मू-कश्मीर | 802 |
| ओडिशा | 503 |
| तेलंगाना | 477 |
| आंध्र प्रदेश | 845 |
| असम | 520 |
| छत्तीसगढ़ | 697 |
| पंजाब | 111 |
| झारखंड | 190 |
| हरियाणा | 253 |
| हिमाचल प्रदेश | 155 |
| केरल | 163 |
| उत्तराखंड | 90 |
| त्रिपुरा | 114 |
| तमिलनाडु | 46 |
| पश्चिम बंगाल | 33 |
| नागालैंड | 47 |
| गोवा | 50 |
| अरुणाचल प्रदेश | 13 |
| मिजोरम | 22 |
| दिल्ली | 4 |
| लद्दाख | 26 |
| पुडुचेरी | 10 |
| चंडीगढ़ | 7 |
| अंडमान निकोबार | 27 |
| लक्षद्वीप | 8 |
अपने राज्य में ट्रेनिंग सेंटर कैसे देखें
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके जिले में ट्रेनिंग सेंटर कहां है, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स फॉलो करें ।
- ऑफिशियल वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
- “Training Center” सेक्शन में जाएं।
- राज्य और जिला चुनें।
- “Search” पर क्लिक करें।
- आपके जिले के सभी ट्रेनिंग सेंटर का नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल और टाइप (Basic/Advanced) दिख जाएगा।
आप यह जानकारी सीधे NSDC वेबसाइट या जिला उद्योग केंद्र (DIC) के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं।
ट्रेनिंग सेंटर में क्या-क्या सिखाया जाता है?
विश्वकर्मा योजना के तहत कुल 18 पारंपरिक ट्रेडों को शामिल किया गया है। इनमें सुनार, लुहार, बढ़ई, राज मिस्त्री, दर्जी, लोहार, चमड़ा कारीगर, कुम्हार, हथकरघा बुनकर, मूर्तिकार, नाव निर्माता आदि प्रमुख हैं ।
प्रशिक्षण में आधुनिक तकनीकों के साथ डिजिटल पेमेंट, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे GeM (Government e-Marketplace) पर उत्पाद लिस्टिंग की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
इससे कारीगरों को न केवल आधुनिक बाजार से जोड़ा गया है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिली है।
योजना से जुड़े फायदे
- ₹500 प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता
- ₹15,000 तक टूलकिट सहायता
- ₹3 लाख तक का ब्याजमुक्त कर्ज सहायता
- डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन राशि Re.1 प्रति ट्रांजेक्शन (100 ट्रांजेक्शन तक)
- GeM प्लेटफॉर्म पर मार्केटिंग और ब्रांडिंग सपोर्ट
- योजना पूर्ण होने पर PM Vishwakarma प्रमाणपत्र और ID कार्ड
योजना के मॉनिटरिंग सिस्टम
स्कीम के प्रभावी संचालन के लिए 497 DPMUs (District Project Management Units) देशभर के 618 जिलों में मौजूद हैं। वे प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर नज़र रखते हैं, बैचों की रिपोर्टिंग करते हैं और लाभार्थियों को ट्रेनिंग स्थान की जानकारी देते हैं ।
योजना की प्रगति और प्रभाव
2025 तक लगभग 30 लाख कारीगरों का रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है, जिनमें से 26 लाख का स्किल वेरिफिकेशन संपन्न हुआ है । MoMSME और MSDE के सहयोग से यह योजना ग्रामीण भारत में रोजगार और स्वावलंबन की नई कहानी लिख रही है।
ट्रेनिंग सेंटर का महत्व
इन केंद्रों के माध्यम से लोगों को सिर्फ कौशल नहीं बल्कि आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलता है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक हर जिले में एक वैध PM Vishwakarma Training Hub मौजूद हो।
निष्कर्ष
PM Vishwakarma Training Center List 2025 से जुड़े ये आंकड़े साबित करते हैं कि योजना अब जमीनी स्तर पर मजबूती से चल रही है। स्किल ट्रेनिंग के माध्यम से भारत के पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक युग के अनुरूप तैयार किया जा रहा है।











