रिटायरमेंट को लेकर बड़ी खबर! सरकारी कर्मचारियों के नियमों में बदलाव की संभावना? इस सवाल के जवाब में सरकार ने साफ कर दिया है कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु में बदलाव का कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है। लेकिन पेंशन और सेवानिवृत्ति से जुड़े कई नए नियमों को लागू किया गया है, जो कर्मचारियों के लिए राहत भरे साबित हो रहे हैं। इनमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और न्यूनतम पेंशन में वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण फैसले शामिल हैं।
हाल के महीनों में कई अफवाहें फैलीं कि सरकार कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 62 या 65 साल कर सकती है। लेकिन लोकसभा में केंद्रीय कार्मिक मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। इसके बजाय, सरकार ने नए पेंशन नियमों के जरिए कर्मचारियों को अधिक लचीलापन और आर्थिक सुरक्षा देने पर ध्यान दिया है। यह बदलाव खासकर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद हैं जो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेना चाहते हैं।
रिटायरमेंट एज और पेंशन नियमों का अपडेट
सरकारी कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट एज और पेंशन के नियमों में हाल के दिनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इनमें से कुछ नियम नए हैं तो कुछ पुराने नियमों को स्पष्ट करने वाले हैं। ये बदलाव कर्मचारियों को अपनी नौकरी और सेवानिवृत्ति की योजना बेहतर तरीके से बनाने में मदद करते हैं। विशेष रूप से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत नए विकल्प ने कर्मचारियों को अपनी पेंशन योजना चुनने की आजादी दी है।
रिटायरमेंट एज में बदलाव की अफवाहों पर सच्चाई
कई वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 62 या 65 साल करने वाली है। लेकिन यह खबर पूरी तरह गलत है। केंद्रीय कार्मिक मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष ही है। यह नियम 1998 में पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश के बाद लागू हुआ था। इससे पहले यह आयु 58 वर्ष थी।
कुछ विशेषज्ञों के लिए अलग नियम हैं। जैसे कि चिकित्सकों के लिए सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। अगर वे अपनी विशेषज्ञता के आधार पर शिक्षण, रोगी देखभाल या स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जारी रहना चाहते हैं, तो उन्हें 65 वर्ष तक सेवा करने का विकल्प मिलता है। इसी तरह, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञों को जनहित में 62 वर्ष तक सेवा का विस्तार दिया जा सकता है। बहुत ही विशिष्ट मामलों में, अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों को 64 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। इन छूटों के बावजूद, सामान्य कर्मचारियों के लिए 60 वर्ष का नियम अपरिवर्तित है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का ओवरव्यू
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) केंद्र सरकार के नए कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को अपनी सेवानिवृत्ति की आर्थिक योजना बनाने में अधिक लचीलापन देना है। यह योजना नए नियमों के तहत 1 अप्रैल, 2025 से लागू हुई है। इसके तहत कर्मचारियों को अपनी पेंशन योजना चुनने के लिए एक बार का विकल्प मिलता है। यह बदलाव खासकर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंंद है जो अपनी नौकरी के दौरान अपनी वित्तीय योजना बदलना चाहते हैं।
विवरण | जानकारी |
योजना का नाम | यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) |
लागू तिथि | 1 अप्रैल, 2025 |
लागू होने वाले कर्मचारी | 1 अप्रैल, 2025 के बाद केंद्रीय सिविल सेवा में भर्ती होने वाले कर्मचारी |
पेंशन की गणना | अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% (न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पर) |
न्यूनतम पेंशन | 9,000 रुपये प्रति माह |
अधिकतम पेंशन | भारत सरकार के उच्चतम वेतन (1,25,000 रुपये) का 50% |
स्विच विकल्प | UPS से NPS में जाने का एक बार का विकल्प |
स्विच की समय सीमा | सेवानिवृत्ति से कम से कम एक वर्ष पहले या VRS से तीन महीने पहले तक |
पेंशन के नए नियम और लाभ
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को कई नए लाभ मिलते हैं। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि कर्मचारी अपनी पेंशन योजना में बदलाव कर सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी UPS में शामिल होता है, तो उसे बाद में एक बार का विकल्प मिलता है कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में जा सकता है। एक बार यह विकल्प चुनने के बाद वह वापस UPS में नहीं आ सकता। इस विकल्प का उपयोग सेवानिवृत्ति से कम से कम एक वर्ष पहले तक किया जा सकता है।
इसके अलावा, सरकार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने वाले कर्मचारियों के लिए भी नियम आसान किए हैं। अब 20 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी अनुपातिक आधार पर सुनिश्चित पेंशन के हकदार होते हैं। इससे पहले इसके लिए 25 वर्ष की सेवा की शर्त थी। यह बदलाव उन कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी राहत है जो किसी व्यक्तिगत या स्वास्थ्य कारणों से जल्दी सेवानिवृत्त होना चाहते हैं। पेंशन की राशि उनकी सेवा अवधि के अनुपात में तय की जाती है।