उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर घोषणा की कि शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि की जाएगी। इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद सरकार सकारात्मक फैसला लेगी। इससे शिक्षामित्रों को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है।
प्रदेश में लगभग 1.68 लाख शिक्षामित्र और अनुदेशक कार्यरत हैं। वर्तमान में उन्हें केवल 10,000 रुपये प्रति माह का मानदेय मिल रहा है। लंबे समय से ये शिक्षाकर्मी वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे। अब सरकार के इस फैसले से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
शिक्षामित्र वेतन वृद्धि योजना 2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि करने का फैसला किया है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी। इस योजना के तहत शिक्षामित्रों को बेहतर वेतन और तीन साल में वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
योजना का ओवरव्यू
जानकारी | विवरण |
योजना का नाम | शिक्षामित्र वेतन वृद्धि योजना 2025 |
लाभार्थी | उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र और अनुदेशक |
वर्तमान मानदेय | शिक्षामित्र: ₹10,000, अनुदेशक: ₹9,000 |
प्रस्तावित मानदेय | शिक्षामित्र: ₹17,000–₹25,000, अनुदेशक: ₹22,000 |
लाभ की अवधि | तीन वर्षों पर वेतन वृद्धि |
लाभार्थियों की संख्या | लगभग 1.68 लाख |
लागू होने की तारीख | कैबिनेट मंजूरी के बाद |
सरकारी विभाग | बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश |
मुख्य बिंदु
- सीएम योगी ने शिक्षक दिवस पर वेतन वृद्धि की घोषणा की।
- एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है।
- प्रस्ताव को वित्त विभाग से मंजूरी मिल चुकी है।
- कैबिनेट से मंजूरी के बाद योजना लागू होगी।
- शिक्षामित्रों को तीन साल में वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
- अन्य राज्यों की तुलना में उचित मानदेय देने पर विचार है।
- दिवाली से पहले इसके लागू होने की उम्मीद है।
- शिक्षामित्रों को मूल स्कूल में वापसी का भी लाभ मिला है।
वेतन वृद्धि की जानकारी
शिक्षामित्रों के लिए वर्तमान मानदेय ₹10,000 प्रति माह है। अनुदेशकों को ₹9,000 मिलते हैं। नए प्रस्ताव के अनुसार, शिक्षामित्रों का मानदेय ₹17,000 से ₹25,000 तक हो सकता है। अनुदेशकों को ₹22,000 प्रति माह मिल सकता है।
इस वृद्धि से शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होने की उम्मीद है।
अन्य राज्यों की तुलना
अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों को अधिक मानदेय मिलता है। चंडीगढ़ में ₹34,000, राजस्थान में ₹51,600 और झारखंड में ₹20,000–₹28,000 तक मिलता है। बिहार में नियमितीकरण की घोषणा हो चुकी है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी बेहतर मानदेय की मांग जायज है।
लाभार्थियों की संख्या
उत्तर प्रदेश में लगभग 1,43,450 शिक्षामित्र और 25,223 अनुदेशक कार्यरत हैं। इन सभी को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। इनमें से करीब 60,000 शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं। उन्हें विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है।
आगे की प्रक्रिया
कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद नया मानदेय लागू किया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। अब केवल कैबिनेट की मुहर की प्रतीक्षा है।
अन्य लाभ
इसके अलावा, शिक्षामित्रों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा भी दी जाएगी। उन्हें अपने मूल विद्यालय में वापसी और अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का भी लाभ मिला है। यह उनके लिए बड़ी राहत है।
लाभ कैसे मिलेगा
लाभार्थियों को कोई अलग आवेदन नहीं करना होगा। जो शिक्षामित्र और अनुदेशक पहले से कार्यरत हैं, उन्हें सीधे लाभ मिलेगा। नया मानदेय सरकारी आदेश के बाद बैंक खाते में जमा किया जाएगा।
योजना का महत्व
यह योजना शिक्षामित्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। इससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। यह शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को सम्मान देगी। इससे उनमें उत्साह और समर्पण बढ़ेगा।
आशाएं और चिंताएं
टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को बेहतर लाभ की उम्मीद है। वहीं, बिना टीईटी वाले शिक्षकों को नौकरी को लेकर चिंता है। सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी को अनिवार्य कर दिया है। इसलिए सरकार को इस पर भी जल्द निर्णय लेना होगा।
निष्कर्ष
शिक्षामित्र वेतन वृद्धि योजना 2025 उत्तर प्रदेश सरकार का एक बड़ा कदम है। इससे लाखों शिक्षाकर्मियों को आर्थिक सहायता मिलेगी। यह शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करेगी। लाभार्थियों को कैबिनेट मंजूरी का इंतजार है।