जैसे ही सर्दियों की शुरुआत होती है, शरीर को ठंड से बचाने और ऊर्जा बनाए रखने की जरूरत बढ़ जाती है। इस मौसम में दादी-नानी द्वारा बताए गए देसी नुस्खे और घर के बने लड्डू खास अहमियत रखते हैं। ये लड्डू न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं।
आजकल लोग बाहर के प्रोसेस्ड फूड की बजाय हेल्दी घरेलू स्नैक्स की ओर लौट रहे हैं। इस बदलते दौर में “हेल्दी लड्डू” एक ऐसा पारंपरिक और पौष्टिक विकल्प बन गया है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है, शरीर को गर्म रखता है और दिनभर एनर्जी प्रदान करता है। खासकर बच्चे और बुजुर्गों के लिए ये लड्डू काफी लाभदायक हैं।
सर्दियों में शरीर की मेटाबॉलिज्म दर बढ़ जाती है, जिससे हमें ज्यादा कैलोरी और पोषण की जरूरत होती है। दादी-नानी वाले ये हेल्दी लड्डू उसी जरूरत को पूरा करते हैं। इनमें घी, गुड़, मेवा, नारियल और कुछ औषधीय मसालों का मिश्रण शरीर को अंदर से ताकत देता है।
What is Healthy Laddu made of?
हेल्दी लड्डू असल में पारंपरिक भारतीय मिठाइयाँ हैं जो सर्दी के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए बनाई जाती हैं। इन लड्डुओं की खास बात यह है कि इनमें refined sugar या maida का उपयोग बहुत कम होता है, या बिलकुल नहीं।
इन लड्डुओं को बनाने में गुड़ का उपयोग शुगर के बदले किया जाता है, जो शरीर में आयरन की कमी को दूर करता है। इसके साथ ही मूंगफली, तिल, अलसी, बादाम, काजू, नारियल, सूखे खजूर और देसी घी का इस्तेमाल शरीर को जरूरी फैट, प्रोटीन और मिनरल्स देता है। इससे शरीर सर्दी से बचा रहता है और थकान दूर होती है।
लोकप्रिय हेल्दी लड्डू के प्रकार
भारत के हर राज्य में अलग-अलग तरह के सर्दी वाले लड्डू बनाए जाते हैं। जैसे —
तिल-गुड़ लड्डू सबसे आम हैं। यह शरीर में कैल्शियम और आयरन की मात्रा बढ़ाते हैं और जोड़ो के दर्द में राहत देते हैं।
गोंद के लड्डू खास तौर पर नई माताओं और बच्चों को दिए जाते हैं, क्योंकि यह शरीर को भीतर से मजबूत बनाते हैं।
अलसी लड्डू ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं और दिल को स्वस्थ रखते हैं।
सूखे मेवे और नारियल लड्डू से शरीर को विटामिन E, फाइबर और अच्छी चर्बी मिलती है, जो स्किन को भी ग्लो देती है।
सभी लड्डू स्वाद में थोड़े अलग होते हैं, लेकिन इनका असर लगभग एक जैसा ही — ताकत, गर्माहट और पोषण।
हेल्दी लड्डू बनाने की विधि
इन लड्डुओं को घर पर बनाना बहुत आसान है। आप चाहें तो यह सामान्य सामग्री से भी बना सकते हैं जो हर घर में मौजूद होती है।
सबसे पहले पैन में थोड़ा देसी घी गर्म करें। इसमें गोंद या सूखे मेवे डालकर हल्का भून लें। फिर इन मेवों को निकालकर दरदरा पीस लें। अब उसी घी में गेहूं या रागी का आटा हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
इसके बाद गुड़ का चाशनी-जैसा मिश्रण तैयार करें और सारा सूखा मिश्रण उसमें डाल दें। अंत में इस तैयार मिश्रण को छोटे गोल लड्डू का आकार दें। चाहें तो ऊपर से थोड़ा नारियल बुरादा या तिल छिड़क दें।
पोषण और स्वास्थ्य लाभ
हेल्दी लड्डू सर्दियों में शरीर को आवश्यक ऊर्जा देते हैं। यह ब्लड सर्कुलेशन को सुधारते हैं और शरीर को लंबे समय तक गर्म रखते हैं। गुड़ रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाता है, जबकि तिल और बादाम हड्डियों को मजबूती देते हैं।
घी में मौजूद हेल्दी फैट स्किन और बालों को पोषण देता है, जिससे वे सर्दियों में सूखे नहीं लगते। इन लड्डुओं में भरपूर प्रोटीन होने के कारण यह बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए एक संतुलित स्नैक का काम करते हैं। सुबह नाश्ते या शाम के समय दो लड्डू खाना दिनभर की कमजोरी को दूर रखता है।
सरकार द्वारा मिल रही सहायता और पहल
हालांकि हेल्दी लड्डू कोई सरकारी योजना नहीं है, लेकिन भारत सरकार और कई राज्य सरकारें “पोषण अभियान” और “आंगनवाड़ी कार्यक्रम” के तहत महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने पर जोर दे रही हैं।
कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्कूलों में भी गुड़, तिल और चने के लड्डू बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिए जाते हैं ताकि उनमें आयरन और ऊर्जा की कमी न हो। ग्रामीण इलाकों में “पोषण ट्रैकर” के जरिए इन घरेलू व्यंजनों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।
निष्कर्ष
सर्दियों में हेल्दी लड्डू सिर्फ स्वाद का नहीं, बल्कि सेहत का प्रतीक हैं। दादी-नानी के घरेलू नुस्खों से बने ये लड्डू शरीर को गर्माहट और ताकत दोनों देते हैं। आधुनिक जीवनशैली में भी इन पारंपरिक व्यंजनों को अपनाना सेहत के लिए फायदेमंद है। हर सर्दी की सुबह अगर एक-दो लड्डू खाए जाएं, तो ठंड का असर कम महसूस होता है और शरीर एनर्जेटिक बना रहता है।


















