भारत में खेती के लिए सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली रासायनिक खादों में DAP (Di-Ammonium Phosphate), NPK (Nitrogen Phosphorus Potassium) और SSP (Single Super Phosphate) का नाम प्रमुख है। किसान फसल की बढ़त और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने के लिए इन खादों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि इन तीनों में से सबसे ताकतवर खाद कौन सी है और DAP की जगह कौन सी खाद डालनी चाहिए।
DAP, NPK और SSP क्या हैं?
DAP में लगभग 18% नाइट्रोजन और 46% फॉस्फोरस होता है। यह गेहूं, चना, कपास जैसी फसलों में सबसे ज़्यादा उपयोग की जाती है और बीज अंकुरण से लेकर पौधे की जड़ मजबूत करने तक में मददगार होती है।
NPK खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश तीनों पोषक तत्व समान या विशेष अनुपात में होते हैं (जैसे 10:26:26)। यह एक बैलेंस्ड फर्टिलाइज़र मानी जाती है।
SSP यानी सिंगल सुपर फॉस्फेट में लगभग 16% फॉस्फोरस, 11% सल्फर और 21% कैल्शियम होता है, जो मिट्टी की सल्फर की कमी पूरी करता है।
DAP, NPK, SSP का तुलनात्मक सारांश
खाद का नाम | प्रमुख तत्व | ताकत/उपयोग | कीमत (लगभग ₹/टन) | कौन-सी फसल में उपयोगी | मिट्टी पर असर | विकल्प |
DAP | 18% N, 46% P | सबसे फॉस्फोरसयुक्त खाद | ₹8900 | गेहूं, चना, कपास | तेज असर, पर लंबे समय में मिट्टी सख्त करती है | NPK, SSP |
NPK | अलग-अलग अनुपातों में N, P, K | बैलेंस्ड खाद, बहुउपयोगी | ₹6600–₹8500 | धान, गन्ना, सब्ज़ियाँ | संतुलित वृद्धि | कोई विशेष |
SSP | 16% P, 11% S, 21% Ca | धीरे असर करने वाली पर मिट्टी सुधारक | राज्य अनुसार | मटर, मूंगफली, सोयाबीन | मिट्टी को मुलायम और सल्फर युक्त बनाती है | अच्छा DAP विकल्प |
(स्रोत: भारत सरकार उर्वरक विभाग वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 और PIB प्रेस रिलीज़ अगस्त 2025 )
कौन सी खाद सबसे ताकतवर है?
सरल शब्दों में DAP ताकतवर होती है, क्योंकि इसमें फॉस्फोरस की मात्रा बाकी खादों से ज़्यादा होती है। फॉस्फोरस पौधों की जड़ें मजबूत बनाता है और फलियों वाली फसलों की उपज बढ़ाता है। लेकिन लगातार DAP डालने से मिट्टी में नाइट्रोजन और सल्फर की कमी हो जाती है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता समय के साथ घटती जाती है ।
इसलिए सरकार ने किसानों को केवल DAP पर निर्भर रहने से बचने और “संतुलित खाद उपयोग” (Balanced Fertilizer Use) की सलाह दी है ।
DAP की जगह कौन सी खाद डालें?
भारत सरकार के PM-PRANAM स्कीम और सॉयल हेल्थ कार्ड योजना के तहत किसानों को बताया जा रहा है कि DAP के विकल्प के रूप में NPK 10:26:26 या SSP का उपयोग किया जा सकता है।
- NPK फसल को संतुलित पोषण देता है और मृदा स्वास्थ्य बनाए रखता है।
- SSP मिट्टी में सल्फर और कैल्शियम भी जोड़ता है, जो तेलहन, दालों और सब्जियों में बेहतर उपज देता है।
इसके अलावा सरकार ऑर्गैनिक फर्टिलाइज़र, बायोफर्टिलाइज़र और गॉबरधन परियोजना से मिलने वाले कंपोस्ट के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है ।
सरकार की नई नीति और योजनाएँ
भारत सरकार ने वर्ष 2025 के लिए Nutrient Based Subsidy (NBS) Scheme के तहत P और K खादों (DAP, NPK, SSP) के लिए नए सब्सिडी रेट तय किए हैं, ताकि किसानों को सस्ती दर पर खाद उपलब्ध कराई जा सके ।
इसके अलावा मार्केट डेवलपमेंट असिस्टेंस (MDA) योजना के अंतर्गत ऑर्गैनिक खादों के लिए ₹1500 प्रति टन तक सहायता दी जा रही है ।
PM-PRANAM योजना (2023) के जरिए यदि कोई राज्य DAP, Urea, या NPK की खपत घटाता है, तो सरकार उसे बचत की राशि का 50% अनुदान के रूप में देती है ।
मिट्टी की स्थिति के अनुसार खाद का चयन
हर खेत और फसल की मिट्टी अलग होती है, इसलिए खेती शुरू करने से पहले Soil Health Card से मिट्टी की जांच कराना ज़रूरी है।
इस कार्ड में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, सल्फर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का स्तर बताया जाता है।
इसके आधार पर किसान तय कर सकते हैं कि DAP, NPK या SSP में से कौन-सी मात्रा उपयुक्त होगी ।
संतुलित खाद उपयोग क्यों ज़रूरी?
- DAP का अधिक उपयोग मिट्टी को कठोर बनाता है।
- NPK और SSP अधिक टिकाऊ विकल्प हैं।
- सल्फर और कैल्शियम युक्त SSP भूमि की उर्वरता बढ़ाता है।
- जैविक और नैनो खादें मिट्टी की जैविक शक्ति बनाए रखती हैं।
सरकार अब धीरे-धीरे DAP जैसे रासायनिक उर्वरकों के बजाय नैनो यूरिया, बायोफर्टिलाइज़र और ऑर्गैनिक न्यूट्रिएंट्स को बढ़ावा दे रही है ।
निष्कर्ष
सामान्यत: DAP ताकतवर है, लेकिन NPK और SSP ज्यादा संतुलित और दीर्घकालिक लाभ देने वाले विकल्प हैं। खेत की मिट्टी का परीक्षण कराने के बाद ही खाद का चुनाव करना चाहिए।
किसान यदि DAP का उपयोग सीमित करें और साथ में SSP या ऑर्गैनिक खाद जोड़ें, तो मिट्टी की उर्वरता और फसल की गुणवत्ता दोनों बनी रहती हैं।